जबकि दूसरे दलों से भाजपा में आए नेताओं को अधिक तरजीह दी गई है। भाजपा के इतिहास में इतनी बड़ी कार्यसमिति के बावजूद कई बड़े नाम सूची से बाहर रखे गए हैं। पार्टी नेताओं का कहना है कि अरविंद मेनन को टीम में शामिल नहीं कर नंदकुमार चाैहान ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि प्रदेश में मेनन दौर खत्म हो गया है।
संभवत: यह भी पहली बार ही हुआ है कि सभी मंत्रियों को कार्यसमिति का हिस्सा बनाया गया है। मोदी मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों फग्गन सिंह कुलस्ते, अनिल माधव दवे, प्रकाश जावड़ेकर और एमजे अकबर को बतौर सांसद शामिल करना बताया गया है। चारों केंद्रीय मंत्रियों के नाम के आगे सांसद लिखा हुआ है।