बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को राजनितिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें प्रशांत किशोर को जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू) में शामिल करने के लिए कहा था।
‘भाजपा अध्यक्ष के कहने पर किया शामिल’
बातचीत में बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा, “किसी ने एक पत्र लिखा था, जिसका मैंने जवाब दिया था। कोई व्यक्ति ट्वीट कर रहा है, उसे ट्वीट करने दें। मुझे इससे क्या लेना देना है? एक व्यक्ति पार्टी (जेडी-यू) में तब तक रह सकता है जब तक वह चाहे। वह जा सकता है।” आगे उन्होंने कहा, “क्या आप जानते हैं कि प्रशांत किशोर पार्टी में कैसे शामिल हुए? अमित शाह ने मुझे उन्हें शामिल करने के लिए कहा था।”
प्रशांत किशोर ने उठाए थे सवाल
पिछले महीने प्रशांत किशोर ने कहा था कि यह केवल बिहार के मुख्यमंत्री हैं जो बता सकते हैं कि किस परिस्थिति में पार्टी ने लोकसभा और राज्यसभा में नागरिक (संशोधन) विधेयक का समर्थन किया। वहीं, 23 जनवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के साथ पार्टी के गठबंधन को लेकर पार्टी महासचिव पवन कुमार वर्मा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सार्वजनिक स्पष्टीकरण की मांग की थी। इस पर उन्होंने कहा था कि किसी के पास कोई मुद्दा है तो पार्टी के भीतर चर्चा कर सकता है लेकिन सार्वजनिक बयान हैरान करने वाला है। चेतावनी देते हुए यह भी कहा था कि अगर वे (पवन कुमार वर्मा) किसी अन्य पार्टी में जाना चाहते हैं तो मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं।
बैठक में नहीं हुए शामिल
वहीं, नीतीश कुमार ने आज (मंगलवार) को अपने आवास पर जनता दल (युनाइटेड) (जदयू) के नेताओं की बैठक बुलाई थी। बैठक में पार्टी के सभी सांसदों, विधायकों और अन्य प्रमुख नेताओं ने भाग लिया। खबरों के मुताबिक पार्टी के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के दिल्ली में होने की वजह से वे बैठक में शामिल नहीं हुए। नीतीश कुमार ने कहा कि 30 जनवरी के बाद वे चुनाव प्रचार के लिए दिल्ली जाएंगे।
‘प्यार से दे वोट’
इससे पहले सोमवार को दिल्ली में राजनीतिक नेताओं पर कटाक्ष करते हुए जनता दल (यूनाइटेड) के नेता प्रशांत किशोर ने कहा था कि जनता आगामी दिल्ली चुनावों में 'प्यार से वोट' दे ताकि भाईचारा और एकजुटता खतरे में न पड़े।