ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बुधवार को यह स्पष्ट किया कि बीजू जनता दल (बीजद) महागठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगा। पटनायक ने एक बैठक के इतर संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी की नीति के तहत बीजद भाजपा और कांग्रेस दोनों के साथ समान दूरी बनाए रखेगा।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उन्होंने कहा, ‘‘हम भाजपा और कांग्रेस से समान दूरी बनाए रखने की हमारी नीति को जारी रखेंगे।’’ पटनायक ने कहा, ‘‘मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि जहां तक महागठबंधन की बात है, तो बीजू जनता दल इसका हिस्सा नहीं है।’’
आगामी लोकसभा चुनाव में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष की ओर से महागठबंधन बनाने की जोर-शोर से की जा रही हैं। ऐसे में पटनायक के इस रुख को महागठबंधन के लिए झटके के रूप में देखा जा रहा है। नवीन पटनायक वर्ष 2000 से ओडिशा के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर हैं।
महागठबंधन की कवायद को झटका
2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस कई राज्यों में भाजपा के खिलाफ मजबूत गठबंधन बनाने की कोशिश में जुटी है। बिहार में आरजेडी, आरएलएसपी और जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के साथ मिलकर कांग्रेस लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में है, वहीं कर्नाटक में भी जेडीएस के साथ उसका गठबंधन है। इससे पहले माना जा रहा था कि ओडिशा में नवीन पटनायक महागठबंधन में शामिल होकर कांग्रेस का साथ दे सकते हैं लेकिन उनके ताजा बयान से महागठबंधन की उम्मीदों को झटका लगा है।
2009 में छोड़ा एनडीए का साथ
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में खनन मंत्री रह चुके नवीन पटनायक ने 2009 के लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए का साथ छोड़ दिया था। दरअसल, स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या के बाद कंधमाल में हुई हिंसा में बजरंग दल सहित दक्षिणपंथी संगठनों का नाम आने पर पटनायक और भाजपा के बीच खटास पैदा हो गई थी। 2009 में जीतने के बाद 2014 के चुनाव में भी नवीन पटनायक की अगुआई में बीजेडी को भारी बहुमत मिला। पटनायक की पार्टी को राज्य की 21 में से 20 लोकसभा और विधानसभा की 147 में से 117 सीटों पर जी मिली थी।