समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को योगी आदित्यनाथ सरकार पर उत्तर प्रदेश को "फर्जी मुठभेड़ों" की राजधानी बनाने का आरोप लगाया और पुलिस के साथ मुठभेड़ में संदिग्ध अपराधियों की मौत को जानबूझकर की गई "हत्या" करार दिया। यादव ने दावा किया कि इन "फर्जी मुठभेड़ों" के शिकार ज्यादातर पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हैं।
सुल्तानपुर जिले में हाल ही में एक आभूषण की दुकान में लूट के कथित संदिग्ध मंगेश यादव की 'मुठभेड़ में मौत' का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "अन्याय की सारी हदें पार कर दी गई हैं।" पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल किया, "क्या आज के समय में कोई कल्पना कर सकता है कि किसी व्यक्ति का मुंह बंद कर दिया जाएगा, उसे बांध दिया जाएगा और पीट-पीटकर मार दिया जाएगा? क्या सुल्तानपुर में इस तरह की यह पहली घटना है? इससे पहले भी इसी तरह की एक घटना हुई थी, जिसमें भाजपा से जुड़े किसी व्यक्ति ने सुल्तानपुर में हत्या की थी।"
सपा मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करते हुए सपा प्रमुख ने दावा किया कि मुठभेड़ के बारे में फैलाई जा रही कहानी झूठी है। उन्होंने आरोप लगाया, "यह सर्वविदित है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के तहत फर्जी मुठभेड़ें हुई हैं। मंगेश यादव की हत्या गांव और आसपास के इलाकों में लोगों को पता है। पुलिस रात में आई थी और उसे उसके सामान के साथ ले गई।"
यादव ने सबूतों को लेकर पुलिस के रवैये की भी आलोचना की और कहा, "कथित तौर पर उसके पास से एक नया बैग मिला था और जब उसे खोला गया तो उसमें शोरूम से खरीदे गए नए कपड़े मिले थे। कथित तौर पर बरामद मोटरसाइकिल चोरी की थी, जिसकी एफआईआर कई दिनों बाद दर्ज की गई।" सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा सरकार में सहानुभूति की कमी है।
उन्होंने कहा, "परिवार का दर्द, मां का दुख और बहन के आंसू समझ में नहीं आ रहे हैं। एनकाउंटर को वैध बताने की सरकार की कोशिश उनकी असंवेदनशीलता को दर्शाती है। उत्तर प्रदेश में यह पहली फर्जी मुठभेड़ नहीं है। फर्जी मुठभेड़ों के कई मामले सामने आ चुके हैं और पहले भी हमने कहा है कि पुलिस ने मुठभेड़ के बहाने हत्या की कोशिश की होगी।" यादव ने भाजपा पर उत्तर प्रदेश को "फर्जी मुठभेड़ों की राजधानी" बनाने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, "सरकार ने इतने फर्जी एनकाउंटर किए हैं कि उसने उत्तर प्रदेश को फर्जी मुठभेड़ों की राजधानी बना दिया है। इस सरकार का उद्देश्य केवल भय पैदा करना है, विकास नहीं। जो लोग हृदयहीन और विध्वंसक हैं, उनसे कोई क्या उम्मीद कर सकता है?" यादव ने कहा कि सरकार न केवल फर्जी मुठभेड़ों का आयोजन कर रही है, बल्कि लोगों के संवैधानिक अधिकारों को भी छीन रही है।