उत्तर प्रदेश विधान परिषद की एक सीट के लिए हुए उपचुनाव में शुक्रवार को भाजपा के बहोरन लाल मौर्य निर्विरोध निर्वाचित हुए। शुक्रवार को नामांकन वापसी की अवधि समाप्त होने के बाद मौर्य को निर्वाचन का प्रमाण पत्र दिया गया।
उत्तर प्रदेश विधानसभा के विशेष सचिव एवं निर्वाचन अधिकारी मोहम्मद मुशाहिद ने इस आशय की अधिसूचना जारी करते हुए मौर्य के निर्वाचन की घोषणा की। मौर्य ने मंगलवार को विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया था। चूंकि उनके खिलाफ विपक्षी दलों की ओर से कोई नामांकन नहीं आया, इसलिए मौर्य को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया।
इस सीट के उपचुनाव के लिए अधिसूचना 25 जून को जारी की गई थी, जबकि नामांकन की अंतिम तिथि 2 जुलाई थी। 3 जुलाई को नामांकन पत्रों की जांच के बाद 5 जुलाई तक नामांकन वापस लेने की तिथि तय की गई थी। मतदान 12 जुलाई को होना था।
यह सीट इस साल 20 फरवरी को समाजवादी पार्टी के सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के कारण खाली हुई थी। उनका कार्यकाल जुलाई 2028 में समाप्त होना था। स्वामी प्रसाद मौर्य ने परिषद की सदस्यता और समाजवादी पार्टी (सपा) से इस्तीफा देने के बाद राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी नाम से अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी बनाई थी। बहोरन लाल मौर्य 1996 और 2017 में बरेली की भोजीपुरा सीट से विधायक रह चुके हैं।
साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में वह सपा के शहजिल इस्लाम से 9,400 से अधिक मतों के अंतर से हार गए थे। यूपी विधान परिषद की वेबसाइट के मुताबिक, 100 सदस्यीय सदन में फिलहाल भाजपा के 78 और सपा के 10 सदस्य हैं। इसके अलावा अपना दल-सोनेलाल, निषाद पार्टी, जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक), राष्ट्रीय लोक दल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और शिक्षक पार्टी के एक-एक सदस्य हैं। परिषद में चार निर्दलीय सदस्य हैं जबकि दो सीटें खाली हैं।