बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी सामान्य वर्ग आरक्षण पर संविधान संशोधन बिल का समर्थन करेगी। साथ ही उन्होंने कहा, ये मोदी सरकार का छलावा है। सरकार ने पहले ये फैसला क्यों नहीं लिया।
पीएम मोदी की नीयत पर उठाए सवाल
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा, लोकसभा चुनाव से पहले लिया गया ये फैसला हमें सही नीयत से लिया गया फैसला नहीं लगता है। चुनावी स्टंट लगता है। राजनीतिक छलावा लगता है। अच्छा होता अगर बीजेपी अपना कार्यकाल खत्म होने से ठीक पहले नहीं बल्कि कुछ समय पहले लेती।
बसपा सुप्रीमो ने ये भी कहा कि देश में अभी तक एससी-एसटी और ओबीसी को जो 49.5 फीसदी आरक्षण मिलता है उसकी समीक्षा करने की जरूरत है। उन्होंने तर्क दिया कि लगातार जनसंख्या बढ़ रही है ऐसे में जातियों का अनुपात भी बढ़ रहा है, इसलिए समीक्षा की जरूरत है।
मायावती ने अपील करते हुए कहा कि बढ़ी हुई आबादी के आधार पर ही आरक्षण का अनुपात भी बढ़ना चाहिए, इसके लिए नई संवैधानिक व्यवस्था लागू की जानी चाहिए। इतना ही नहीं मायावती ने कहा कि इन वर्गों के लिए उन क्षेत्रों में भी आरक्षण दिया जाना चाहिए, जहां पर आरक्षण नहीं दिया जाता है।
केंद्रीय कैबिनेट ने आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को 10% आरक्षण देने की मंजूरी
गौरतलब है कि केंद्रीय कैबिनेट ने आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णो को सरकारी नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में 10% आरक्षण देने को सोमवार को मंजूरी दे दी। कैबिनेट ने ईसाइयों व मुस्लिमों सहित 'अनारक्षित श्रेणी' के लोगों को नौकरियों व शिक्षा में 10% आरक्षण देने का फैसला लिया। इसका फायदा 8 लाख रुपये वार्षिक आय सीमा और करीब 5 एकड़ भूमि की जोत वाले गरीब सवर्णो को मिलेगा।
इस फैसले को लागू करने के लिए मोदी सरकार संविधान में संशोधन करेगी
मोदी सरकार अपने इस फैसले को लागू करने के लिए संविधान में संशोधन करेगी। इसके लिए लोकसभा और राज्यसभा में संविधान संशोधन बिल पेश किया जाएगा। लोकसभा में तो एनडीए सरकार के पास बहुमत है, लेकिन राज्यसभा में बहुमत नहीं है। राज्यसभा में बहुजन समाज पार्टी के कुल 4 सांसद हैं, ऐसे में मायावती का संशोधन बिल का समर्थन करना एक बड़ी राहत हो सकता है।