चुनाव की सरगर्मियां बढ़ते ही बयानों के तीखे प्रहार शुरू हो गए हैं। अमित शाह ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के लिए कहा कि अब उनके लिए एनडीए के दरवाजे बंद हैं। चंद्रबाबू ने भी पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा के लिए लोगों के दरवाजे बंद हैं।
ईवीएम पर भी उठाए सवाल
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) सबसे ज्यादा असुरक्षित है और इसमें जो चाहे वह आसानी से छेड़छाड़ कर सकता है।
एएनआई से बात करते हुए नायडू ने कहा, मैं पहला व्यक्ति हूं जिसने टेलीकम्यूनिकेशन में तकनीक और खोज का समर्थन किया और उसे आगे बढ़ाया। लेकिन ईवीएम सुरक्षित नहीं हैं। इन्हें आसानी से अपने हिसाब से संचालित किया जा सकता है और इसमें छेड़छाड़ की जा सकती है। जब सिंगापुर जैसा विकसित देश मतपत्र से चुनाव कराता है तो फिर भारत ऐसा क्यों नहीं कर सकता?
उनसे पूछा गया कि जब आप विपक्ष में थे तो हमेशा ईवीएम के पक्ष में खड़े रहे। तब चंद्रबाबू नायडू का कहना था कि उन्होंने हमेशा ईवीएम का विरोध किया है।
कांग्रेस का भी मिला साथ
कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद भी कल इसी मसले पर चुनाव आयोग गए थे। वहां उन्होंने आयोग से अनुरोध किया है कि सभी ईवीएम के आधे वोटों की गिनती को पेपर ट्रेल के माध्यम से अनिवार्य करें। आजाद ने कहा, हमने एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की थी और ईवीएम के बारे में हमारे मुद्दों के साथ चुनाव आयोग जाने का फैसला किया था। क्योंकि हमने पिछले चुनावों में देखा है कि कोई भी बटन दबाया जाए वोट भाजपा को जाता है। अलग-अलग मतदान केंद्रों पर इस वजह से काफी हाथापाई हुई थी। हमने मांग की है कि यह लोकसभा चुनाव हो या राज्य विधानसभा चुनाव, 50 फीसदी वोट ईवीएम के जरिए गिने जाएं और 50 फीसदी वोट पेपर ट्रेल के जरिए गिने जाएं और पेपर ट्रेल को नष्ट नहीं किया जाना चाहिए।
अन्य दल भी चाहते हैं मतपत्र से चुनाव
आजाद के साथ आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री, बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा, समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव और भाकपा नेता डी राजा भी गए थे। नायडू ने कहा, "चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए हमें पेपर बैलट में वापस जाना चाहिए, लेकिन समय की कमी के कारण, हम मांग कर रहे हैं कि 50 फीसदी वीवीपैट को अनिवार्य रूप से गिना जाए।