छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों में इतना बड़ा उलटफेर होगा, इसका अंदाजा किसी को नहीं था। राज्य में कांग्रेस 15 साल के बाद सत्ता में वापसी कर रही है। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव नतीजे में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है। अब ऐसे में राज्य में कांग्रेस की ओर से कौन मुख्यमंत्री बनेगा, इसे लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार हैं। हालांकि पार्टी ने किसी भी नेता को सीएम के तौर पर प्रोजेक्ट नहीं किया था।
कांग्रेस की यह जीत बहुत बड़ी है क्योंकि उसने चुनाव में अपना मुख्यमंत्री पद का चेहरा पेश नहीं किया था। राहुल गांधी ही कांग्रेस के पोस्टर ब्वॉय रहे और उन्होंने अपनी रैलियों में स्थानीय मुद्दों को उठाया और केंद्र की मोदी और रमन सरकार पर हमले किए। छ्त्तीसगढ़ में कांग्रेस अपने बल पर सरकार बनाएगी लेकिन मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर अभी संस्पेंस बना हुआ है।
आइए, नजर डालते हैं कांग्रेस के उन दावेदारों पर
टीएस सिंहदेव
प्रदेश की अंबिकापुर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव मुख्यमंत्री की रेस में प्रमुख दावेदार बताए जा रहे हैं। साल 2013 के चुनाव में हार के बाद कांग्रेस ने इन्हें विधायक दल का नेता बनाया था। कांग्रेसियों को एकजुट रखने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है।
सरल स्वभाव के कारण सिंहदेव सबकी पसंद बनकर उभरे हैं। इस चुनाव में घोषणा पत्र समिति का अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने प्रदेश भर में हर वर्ग तक पहुंचने की कोशिश करते हुए उनकी राय ली। मजबूत घोषणा पत्र तैयार किया, जिससे कांग्रेस चुनाव में मजबूत स्थिति में रही और वो नतीजों में भी तब्दील होता दिख रहा है। सिंहदेव कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के काफी भरोसेमंद माने जाते हैं।
भूपेश बघेल
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के सीएम पद के दावेदारों में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल का भी नाम है। उन्हें भी इस रेस में प्रबल दावेदार के तौर पर देखा जा रहा है। पीसीसी चीफ रहते ही उन्होंने कार्यकर्ताओं में जान डाली और प्रदेश में सरकार विरोधी लहर पैदा करने में काफी हद तक सफल माने जा रहे हैं। इतना ही नहीं, बीच चुनाव सीडी कांड में उन्हें जेल जाना पड़ा था। इसे लेकर कांग्रेस ने प्रदेश भर में प्रदर्शन किया था।
डॉ. चरणदास महंत
सीएम के दूसरे दावेदार में सक्ती विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. चरणदास महंत के नाम भी शामिल है। महंत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। महंत मध्य प्रदेश सरकार में गृहमंत्री और यूपीए की दूसरी पारी में केन्द्र सरकार में राज्य मंत्री रहे। इसके अलावा चुनाव में वरिष्ठ नेताओं को एकजुट रखने में भी अहम भूमिका अदा की। सिद्धू ने उन्हें सीएम पद का प्रबल दावेदार बताया था। प्रशासनिक मामलों में अनुभव उनका मजबूत पक्ष है।
ताम्रध्वज साहू
कांग्रेस के सीएम पद के दावेदारों में सौम्य चेहरे और सरल स्वभाव के माने जाने वाले ताम्रध्वज साहू का नाम भी शामिल है। कांग्रेस के ओबीसी विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के कारण एक बड़े वर्ग में इनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। 2014 के लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ से कांग्रेस के इकलौते सांसद चुने गए थे।
इस चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं को संगठित रखा। टिकट वितरण के बाद असंतोष को नहीं बढ़ने दिया। ओबीसी वर्ग खासकर छत्तीसगढ़ के बहुंसख्यक साहू समाज को साधकर कांग्रेस के साथ जोड़े रखा। ऐसे में उनके नाम को नंजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
दो चरणों में हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए दो चरणों में मतदान हुए थे। 12 और 20 नवंबर को छत्तीसगढ़ के लिए वोट डाले गए थे। इस समय छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह हैं और राज्य में बीजेपी की सरकार है। छत्तीसगढ़ में कुल 90 सीटें हैं।