उत्तर प्रदेश विधानसभा के अंदर गुरुवार को चेकिंग के दौरान डॉग स्कवॉयड को खतरनाक विस्फोटक मिलने से बड़ी सुरक्षा चूक का मामला सामने आया है। विस्फोटक मिलने के बाद सूबे में खलबली मच गई है। फॉरेंसिक टेस्ट में पाया गया कि यह खतरनाक PETN विस्फोटक है।
यूपी विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान सीएम योगी ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कहा कि खतरनाक विस्फोटक मिलना बड़ी आतंकवादी साजिश का हिस्सा है। इसका हर हाल में खुलासा होना ही चाहिए। इसलिए इसकी जांच एनआईए से होनी चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित से उन्होंने आग्रह किया कि इस मामले की जांच एनआईए से कराई जाए। इतना ही नहीं, योगी ने कहा कि यह मामला 22 करोड़ लोगों की सुरक्षा से जुड़ा है और इसका खुलासा होना ही चाहिए, जिसमें सभी सदस्य सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि सुरक्षा सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है, जिसमें सबका सहयोग जरूरी है।
सीएम ने कहा कि सफाई कर्मियों को मिला पाउडर पहले सामान्य लगा। लगा कि कोई सामान्य रसायन है, लेकिन जांच के बाद मिली लैब की रिपोर्ट से पता चला कि यह शक्तिशाली विस्फोटक पीईटीएन है। मात्रा तो केवल 150 ग्राम थी, लेकिन इसके विस्फोट से बड़ा नुकसान हो सकता था। पूरे विधानभवन को उड़ाने के लिए 500 ग्राम यह विस्फोटक काफी है।
मुख्यमंत्री ने कहा, सवाल यह उठता है कि आखिर वे कौन लोग हैं, जिन्होंने इसे यहां तक पहुंचाया। जनप्रतिनिधियों के विशेषाधिकार हैं तो क्या उन्हें सुरक्षा में छूट दे देंगे। यह खतरनाक प्रवृत्ति है। उन्होंने कहा कि विधानभवन के कर्मियों का पुलिस वेरीफिकेशन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो भी विधानभवन के अन्दर आए उसकी गहन तलाशी होनी चाहिए। वह जब पहली बार विधान भवन आए तो उन्हें अचरज लगा क्योंकि विधानसभा के सदस्यों से ज्यादा अन्य लोग इधर-उधर घूम रहे थे। किसी को सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने की छूट नहीं दी जा सकती।
वहीं, सीएम योगी की अपील के बाद यूपी विधानसभा स्पीकर ह्रदयनारायण दीक्षित ने कहा कि विधानसभा के सभी गेटों पर बॉडी स्कैनर लगाए जाएंगे, इसके अलावा सभी पुरानी गाड़ियों के पास भी रद्द किए जाएंगे। हम सभी इस मुद्दे को एनआईए को सौंपने की अपील करेंगे। उन्होंने कहा कि विधानसभा में QRT टीम को तैनात किया जाएगा।