मिजोरम की चकमा स्वायत्त जिला परिषद (सीएडीसी) के चुनाव में किसी भी पार्टी क पूर्ण बहुमत न मिलने से कांग्रेस और भाजपा ने हाथ मिला लि हैं। कांग्रेस के एक नेता ने आइजोल में इस फैसले से संबंधित बात कही है।
इस चुनाव में कांग्रेस को 6 जबकि भाजपा को 5 सीजें मिली है। बीस सदस्यों वाली सीएडीसी के लिए बीते शुक्रवार चुनाव हुआ था और कल इसके परिणाम आए। मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने आठ सीटें जीती हैं। जबकि मिजोरम उच्च न्यायालय ने एक सीट पर चुनाव रोक दिया था।
राज्य के खेल मंत्री और कांग्रेस के नेता जोडिन्टलुंगा ने कहा कि दोनों पार्टी के स्थानीय नेता बातचीत के बाद इस समझौते पर पहुंचे हैं। उन्होंने कहा इससे दिल्ली या आने वाले किसी भी राज्य विधानसभा चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
हालांकि राज्य में भाजपा नेतृत्व इस नए कदम से खुश नहीं हैं। भाजपा के सूत्रों का कहना है कि वह चुने हुए सीएडीसी सदस्यों, जिन्होंने कांग्रेस के साथ जाली गठबंधन बना लिया है के खिलाफ कार्रवाही करेगी। सूत्रों का कहना है कि गुवाहाटी और दिल्ली के नेताओं के संकेत का इंतजार किया जा रहा है।
कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर लड़ रहे दोनों पक्षों ने संयुक्त विधायिका दल का गठन किया, जिसमें बीजेपी के संती जिबन चकमा और कांग्रेस के बुद्ध लीला चकमा को उप नेता बनाया गया।
सूत्रों ने बताया कि संती जीबन चकमा को मुख्य कार्यकारी सदस्य, परिषद के प्रशासनिक प्रमुख बनने के लिए भेजा गया था। सीएडीसी 29 अप्रैल, 1972 को संविधान के छठे अनुसूची के तहत गठित जातीय चकमा लोगों के लिए एक स्वायत्त परिषद है। परिषद सीएडीसी के क्षेत्र में आवंटित विभागों पर विधायी, कार्यकारी और न्यायिक शक्तियों का प्रयोग करती है।