राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस के ‘चिंतन शिविर’ के बाद पार्टी तेजी से कमर कसती नजर आ रही है। पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उदयपुर 'नव संकल्प' घोषणापत्र को लागू करने के लिए टास्क फोर्स गठित कर दी है। पॉलिटिकल अफेयर ग्रुप का गठन प्रमुख मुद्दों पर सलाह देने के लिए किया गया है तो टास्कफोर्स 2024, अगले लोकसभा चुनावों की तैयारियों के लिए बनाया है। इसके अलावा सेंट्रल प्लानिंग ग्रुप फॉर द को-ऑर्डिनेशन ऑफ भारत जोड़ो यात्रा नाम के एक ग्रुप का भी गठन किया गया है। टास्कफोर्स 2024 और पॉलिटिकल अफेयर ग्रुप में 8-8 सदस्य हैं तो भारत जोड़ो यात्रा की जिम्मेदारी 9 लोगों को दी गई है।
सोनिया गांधी ने सोमवार को राजनीति पॉलिटिकल अफेयर्स ग्रुप, टास्क फोर्स-2024 और सेंट्रल प्लानिंग ग्रुप गठित कर दिया है। एक ओर जहां राजनीतिक मामलों और टास्क फोर्स के लिए 8 नेताओं की टीम बनाई गई है। वहीं, केंद्रीय स्तर पर बने समूह में 9 लोग शामिल हैं। पार्टी अध्यक्ष ने कहा था कि 2024 लोकसभा चुनावों के मद्देनजर ये सुधार तैयार किए गए हैं।
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की तरफ से जारी सूची के अनुसार, पॉलिटिकल अफेयर्स ग्रुप में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद, अंबिका सोनी, दिग्विजय सिंह, आनंद शर्मा, केसी वेणुगोपाल, जितेंद्र सिंह रहेंगे। वहीं, टास्क फोर्स-2024 में पी चिदंबरम, मुकुल वासनिक, जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल, अजय माकन, प्रियंका गांधी वाड्रा, रणदीप सिंह सुर्जेवाला, सुनील कानुगोलू शामिल हैं। वहीं, भारत जोड़ो यात्रा के लिए 9 सदस्यीय सेंट्रल प्लानिंग ग्रुप में दिग्विजय सिंह, सचिन पायलट, शशि थरूर, रवनीत सिंह बिट्टू, केजी जॉर्ज, ज्योति मणि, प्रद्युत बोर्दोलोई, जीतू पटवारी और सलीम अहमद का नाम है।
Congress Interim President Sonia Gandhi constitutes Political Affairs Group, Task Force -2024 and Central Planning Group for 'Bharat Jodo Yatra'. pic.twitter.com/LQP1BhvImd
— ANI (@ANI) May 24, 2022
चिंतन शिविर के दौरान सोनिया गांधी ने कहा था कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी से एक 'सलाहकार समूह' भी तैयार किया जाएगा। ये समूह नियमित रूप से बैठक करेगा औऱ पार्टी के सामने आई चुनौतियों पर मंथन करेगा। खास बात है कि भारतीय जनता पार्टी में भी एक मनार्गदर्शक मंडल है, जिसमें दल के कई वरिष्ठ नेता हैं। उन्होंने कहा था कि नया समूह निर्णय लेने वाला नहीं होगा, लेकिन 'वरिष्ठ साथियों के अनुभव हासिल करने में मेरी मदद करेगा।' खास बात है कि जी-23 में शामिल नेता संसदीय बोर्ड को फिर से तैयार करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, सीडब्ल्यूसी ने उनका प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया था।