संसद का मॉनसून सत्र अपने आखिरी चरण में है। मंगलवार को दोनों सदनों में कई विधेयक पेश किए जाएंगे। राज्य सभा में आज नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बिल, होम्योपैथी सेन्ट्रल काउंसिल (संशोधन) बिल पर चर्चा होगी। इससे पहले सोमवार को लोकसभा में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) (अत्याचार निवारण) संशोधन विधेयक, 2018 पारित हो गया।
मंगलवार को संसद में देवरिया और मुजफ्फरपुर शेल्टर होम का मामला जोरदार तरीके से उठने की संभावना है। सदन शुरू होने से पहले देवरिया शेल्टर होम और मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मुद्दे पर संसद परिसर में आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल), समाजवादी पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) के सांसदों ने विरोध प्रदर्शन किया।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद के लाइब्रेरी भवन में भारतीय जनता पार्टी संसदीय दल की बैठक को संबोधित किया। संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी के अलावा, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और अन्य केंद्रीय मंत्री शामिल थे। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे। राहुल गांधी के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया, के सी वेणुगोपाल और रंजीत रंजन संसदीय दल की बैठक में पहुंचे हैं।
जानें बिहार का मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस
इस साल के शुरुआत में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस, मुंबई (टीआईएसएस) ने अपने सोशल ऑडिट के आधार पर मुजफ्फरपुर के साहु रोड स्थित बालिका सुधार गृह (शेल्टर होम) में नाबालिग लड़कियों के साथ कई महीने तक रेप और यौन शोषण होने का खुलासा किया था।
मेडिकल जांच में शेल्टर होम की कम से कम 34 बच्चियों के साथ रेप की पुष्टि हुई है। पीड़ित कुछ बच्चियों ने कोर्ट को बताया कि उन्हें नशीला पदार्थ दिया जाता था फिर उनके साथ रेप किया जाता था। इस दौरान उनके साथ मारपीट भी होती थी। पीड़ित लड़कियों ने बताया कि जब उनकी बेहोशी छंटती थी और वो होश में आती थीं तो खुद को निर्वस्र (बिना कपड़ों) पाती थीं।
28 जुलाई को सीबीआई की टीम ने मामले की जांच शुरू कर दी। इस हाई प्रोफाइल केस में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत कई आरोपी जेल में हैं। इस घटना के सामने आने के बाद नीतीश सरकार की काफी किरकिरी हुई है। इस मुद्दे को लेकर विपक्षी पार्टियां लगातार सरकार को निशाना बना रही हैं।
बिहार के मुजफ्फरपुर जैसा मामला यूपी के देवरिया में भी
बिहार के मुजफ्फरपुर की तरह ही देवरिया के एक बालिका गृह में वहां लड़कियों के साथ कथित यौन शोषण का मामला सामने आया है। एक बच्ची की शिकायत पर एसपी ने बालिका गृह से कई लड़कियों को रेस्क्यू कराया है। फिलहाल संस्था को सील कर दिया गया है। रविवार देर रात इस मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया गया, जबकि एक आरोपी फरार है।
पुलिस का दावा है कि संस्था से अभी 18 लोग गायब हैं, जिनमें बालिका गृह की महिलाएं, लड़कियां और बच्चे शामिल हैं। इस मामले के सामने आने के बाद सीएम योगी ने यहां के डीएम सुजीत कुमार को तत्काल हटाने के निर्देश दिए हैं वहीं जिले के पूर्व डीपीओ की लापरवाही देखते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। पूर्व प्रभारी जिला प्रोबेशन अधिकारी नीरज कुमार और अनूप सिंह के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।