हालांकि इसके लिए उन्हें शायद ज्यादा गंभीर परिणाम भुगतना पड़े क्योंकि हैदराबाद पुलिस ने मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने के मामले में दिग्विजय सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। दिग्विजय ने ट्विटर पर लिखा था कि मदरसा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों की तरह है और दोनों ही जगह नफरत फैलाया जाता है।
पुलिस ने मिली शिकायत के आधार पर दिग्विजय के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। दिग्विजय के इस बयान के बाद मुस्लिम संगठनों और राजनीतिक पार्टियों ने उनकी आलोचना की थी। दिग्विजय सिंह ने 22 फरवरी को अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'मदरसा और आरएसएस द्वारा चलाए जा रहे सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल में कोई अंतर है क्या? मुझे नहीं लगता, दोनों नफरत फैलाते हैं।'
उनके इस बयान के बाद असदुद्दीन ओवैशी की पार्टी एमआईएम सहित अन्य मुस्लिम संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। यहां तक की कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आबिद रसूल खान ने इस पर नाखुशी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि दिग्विजय के बयान से गलत संदेश गया है और इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।
वहीं, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के जमायत-ए-उलेमा हिंद के चीफ हाफिज पीर शब्बीर ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा था, 'मैं चाहता हूं कि दिग्विजय मुझे दिखाएं किस मदरसा में हथियार छुपा कर रखा गया है। यह एक बड़े षडयंत्र का हिस्सा है जो चाहता है कि मुस्लिम समाज में कोई इमाम, मुफ्ती और आलिम न हो।'