लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में हार के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बीच मनमुटाव के संकेत मिलने लगे हैं। राजधानी दिल्ली में सोमवार को हुई बसपा की बैठक में मायावती ने हार के कारणों की समीक्षा की। पीटीआई के मुताबिक, बैठक में मायावती ने कहा कि बसपा कार्यकर्ता, पदाधिकारी, विधायक और नवनिर्वाचित सांसद आगामी उपचुनाव अकेले लड़ने की तैयारी करें। इसके लिए गठबंधन पर निर्भर ना रहें। कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश की 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं।
गठबंधन को लगा था झटका
लोकसभा चुनाव से पहले बड़ी तैयारी के बाद सपा, बसपा और रालोद के बीच गठबंधन हुआ था। तीनों दलों ने यूपी में 50 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा किया था। लेकिन लोकसभा चुनावों के परिणाम उम्मीदों के उलट रहा और बसपा केवल 10 सीटों पर ही जीत सकी जबकि सपा को केवल 5 सीटें मिलीं। भाजपा के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन ने 64 सीटों पर जीत दर्ज की थी। लोकसभा चुनाव में बसपा 38, सपा 37 और आरएलडी 3 सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ी थी। गठबंधन ने अमेठी और रायबरेली की सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ दी थी।
मायावती के तेवर के बाद राज्य में सपा और बसपा गठबंधन पर असर पड़ सकता है। गठबंधन का भविष्य क्या होगा, इस पर फिलहाल कुछ कहना मुश्किल है। मायावती के उपचुनाव लड़ने के ऐलान को उनके नजरिए में बड़े बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि आम तौर पर बसपा उपचुनाव नहीं लड़ती है।