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पीडीपी के पूर्व नेता बुखारी रविवार को करेंगे नई पार्टी का ऐलान, कई बड़े चेहरों के साथ होने का दावा

पीडीपी के पूर्व नेता सैयद अल्ताफ बुखारी रविवार को नई राजनैतिक ‘जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी’ (जेकेएपी)...
पीडीपी के पूर्व नेता बुखारी रविवार को करेंगे नई पार्टी का ऐलान, कई बड़े चेहरों के साथ होने का दावा

पीडीपी के पूर्व नेता सैयद अल्ताफ बुखारी रविवार को नई राजनैतिक ‘जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी’ (जेकेएपी) का ऐलान करने जा रहे हैं। बुखारी ने अपनी पार्टी में राज्य के कई बडे़ नेताओं के साथ होने का दावा किया है। नई पार्टी का मकसद पिछले साल पांच अगस्त से अनिश्चितता का सामना कर रहे लोगों को राहत मुहैया करना होगा।  

सूत्रों ने कहा कि पार्टी का मुख्य फोकस विकास की राजनीति होगी। संगठन में जम्मू और कश्मीर के प्रतिनिधि होंगे, जबकि इसमें कश्मीरी पंडितों को भी शामिल करने की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और कांग्रेस के करीब 30 नेताओं के पार्टी में शामिल होने की उम्मीद है। बुखारी के करीबी सूत्रों ने कहा कि पार्टी अपने दृष्टिकोण में "व्यावहारिक और तर्कसंगत" होगी और इसका मकसद धारा 370 के उन्मूलन के बाद क्षेत्र में "सत्ता का विकेंद्रीकरण" होगा।

5 अगस्त के बाद पहली राजनीतिक गतिविधि

पांच अगस्त के बाद जम्मू कश्मीर में यह पहली राजनीतिक गतिविधि होगी। उसी दिन केंद्र सरकार ने पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने की घोषणा की थी। कारोबारी से नेता बने राज्य के पूर्व वित्त मंत्री बुखारी ने दावा किया है कि उनके साथ 'अपनी पार्टी' में जम्मू कश्मीर की राजनीति के कुछ और बड़े चेहरे भी होंगे। पार्टी का ऐलान करने से पहले वो अपने साथियों के साथ मिल कर कोर ग्रुप की बैठक भी करेंगे, जिसमें कुछ अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

महबूबा और बुखारी में थे मतभेद

बता दें कि महबूबा मुफ्ती से दूरी बनने तक बुखारी पीडीपी में थे। जून 2018 में भाजपा के समर्थन वापस लेने के बाद महबूबा की सरकार अल्पमत में आ गई थी। पीडीपी के कामकाज को लेकर महबूबा और बुखारी में मतभेद थे। नई पार्टी का ऐलान ऐसे समय में किया जा रहा है, जब पारंपरिक कश्मीर आधारित राजनीतिक दलों के शीर्ष नेतृत्व फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में हैं।

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