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चुनाव में जमकर काले धन का इस्तेमाल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब बीते 8 दिसंबर को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को पूरी तरह बंद करने की घोषणा की थी तो साथ में यह भी दावा किया था कि इससे देश में जमा काले धन पर पूरी तरह रोक लग जाएगी।
चुनाव में जमकर काले धन का इस्तेमाल

हालांकि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में पकड़ी जा रही है नकदी को देखकर ऐसा लग नहीं रहा है कि काले धन पर कहीं कोई अंकुश लगा है। अब तक मिले संकेतों से ऐसा लग रहा है कि नोटबंदी का असर चुनाव में काले धन या ड्रग के इस्तेमाल पर कोई खास नहीं पड़ा है। 17 जनवरी तक चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में 64 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी और आठ करोड़ से ज्यादा की शराब और ड्रग्स जब्त किए हैं। यह शुरुआती आंकड़ा इसलिए ज्यादा लग रहा है क्योंकि 2012 में चुनाव अधिसूचना के पहले 10 दिनों में मात्र 16 करोड़ रुपये अवैध कैश बरामद हुए थे। 

इस बार अकेले यूपी में 56 करोड़ रुपये की नकदी जब्त हुई है। वहीं 1.78 करोड़ रुपये का ड्रग्स पंजाब से पकड़ा गया। 16.72 लाख रुपये का ड्रग्स गोवा से और 7 लाख का मणिपुर से मिला। साथ ही 6.18 करोड़ रुपये की शराब यूपी, पंजाब से जब्त की गई है। 
नोटबंदी के तुरंत बाद नए नोट में इतनी बड़ी राशि की बरामदगी की उम्मीद चुनाव अधिकारियों ने नहीं की थी। सूत्रों के अनुसार शुरुआती चरण में ही नए नोट का प्रभाव दिखने के बाद आयोग ने सख्ती बड़ा दी है। हर संदिग्ध लेन-देन और राजनीतिक दलों के खर्च पर कड़ी निगरानी रखने को कहा गया है।

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