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नोटबंदी अमेरिकी साजिश, दबाव में लिया गया था फैसला : पृथ्वीराज चव्हाण

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने एक बार फिर नोटबंदी को...
नोटबंदी अमेरिकी साजिश, दबाव में लिया गया था फैसला : पृथ्वीराज चव्हाण

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने एक बार फिर नोटबंदी को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाया है। चव्हाण ने कहा कि पीएम मोदी का नोटबंदी का फैसला अमेरिका द्वारा भारत की अर्थव्यवस्था को नष्ट करने की एक साजिश थी। उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा पर आरोप लगाते हुए कहा कि ओबामा ने साजिश कर देश में नोटबंदी लागू करवाई।

नोटबंदी एक साजिश

नोटबंदी को अमेरिकी साजिश बताते हुए चव्हाण ने इसके पीछे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का हाथ होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब ओबामा भारत आए थे तब उन्होंने नोटबंदी का सुझाव सरकार को दिया। अमेरिका के ही कहने पर भारत ने डिजिटल पेमेंट की ओर कदम बढ़ाया और नोटबंदी जैसा फैसला लिया।

नोटबंदी को लेकर संसदीय समिति से जांच कराने की मांग

पीएम मोदी द्वारा लिए गए नोटबंदी के फैसले के बाद अब पृथ्वीराज च्वहाण इसे लेकर पूरे मामले की जांच संसदीय समिति से कराए जाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्रेडिट कार्ड, पेटीएम या मोबाइल पेमेंट की तरफ जाना उसके लिए नोट गायब करने पड़ेंगे, जो उसका उद्देश्य था।  

अमेरिका का पेमेंट सेक्टर

पृथ्वीराज च्वाहाण ने एक बार फिर नोटबंदी को अमेरिकी साजिश बताते हुए कहा कि मोबाइल पेमेंट कंपनी जिसको अमेरिका में पेमेंट सेक्टर कहा जाता है। इस पर अमेरिका में कुछ कानून बने हैं, जिसमें उनको कमीशन मिलने का प्रावधान है, भारत ने वहीं से यह नियम लिया है। एबीपी डॉट कॉम के मुताबिक, च्वहाण ने कहा कि इस नियम को अमेरिका में टॉड फ्रैंक एक्ट के नाम से जाना जाता है, जिसके अंदर एक डर्किन अमेंडमेंट हैं। इसमें वहां पर क्रेडिट कार्ड कंपनियों का कमीशन लगभग आधा कर दिया था, जिससे 10 अरब डॉलर का नुकसान अमेरिका में हुआ था।

नोटबंदी के बाद आरबीआई ने जारी किए आंकड़े

पिछले साल 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये का नोटबंद करने का ऐलान हुआ था, जिसे सरकार ने कालेधन के खिलाफ अहम कदम बताया था। नोटबंदी के बाद आरबीआई ने जो आंकड़े जारी किए उसके मुताबिक, 30 जून तक कुल मिलाकर 15 लाख 28 हज़ार करोड़ रुपये के 500 और 1000 रुपये पुराने नोट वापस आए. जबकि बंद हुए कुल नोटों की संख्या 15 लाख 44 हजार करोड़ थी।

नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को घेरा

पिछले साल 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये का नोटबंद करने का ऐलान होने के बाद से ही विपक्ष लगातार पीएम मोदी के इस फैसले पर सरकार पर जमकर निशाना साध रही है। इतना ही नहीं, आरबीआई द्वारा नोटबंदी के नौ महीने बाद जारी किए आंकड़ों के बाद से सभी विपक्षी दल सरकार पर लगातार तिखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं, लेकिन सरकार भी इस मामले पर अपना पूरा बचाव करने में लगी है।

 

 

 

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