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1900 पार्टियों में से 400 ने कभी चुनाव नहीं लड़ा, क्‍या बस कालाधन सफेद करती रहीं?

देश में 1900 राजनैतिक दल हैं। इन पार्टियों में से करीब 400 पार्टियों ने कभी चुनाव नहीं लड़ा। इसका मीडिया में यही मतलब निकाला जा रहा है कि इन पार्टियों के गठन का लक्ष्‍य कहीं कालेधन को सफेद करना ही तो नहीं था। इस तस्‍वीर के बाद दार्शनिक अंदाज में यह भी कहा जा सकता है कि भारतीयों के जीवन में 'राजनीति' बहुत गहराई तक शामिल है।
1900 पार्टियों में से 400 ने कभी चुनाव नहीं लड़ा, क्‍या बस कालाधन सफेद करती रहीं?

 

मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी के मुताबिक, इन 1900 पार्टियों में से 400 ऐसी पार्टियां हैं जिन्होंने कभी कोई चुनाव नहीं लड़ा है। जैदी ने शंका जाहिर की है कि इन पार्टियों का गठन काले धन को सफेद करने के उद्देश्य से भी किया जा सकता है।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने इस संबंध में स्पष्ट करते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने ऐसी पार्टियों को सूची से निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इससे राजनीतिक पार्टी के तौर पर आयकर और चंदे में मिलने वाली छूट बंद की जा सकेगी। पार्टियों की सूची में आयोग हर साल कांट-छांट करती है। इन पार्टियों को फिर से रजिस्टर्ड नहीं करने के सवाल पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा दुबारा रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया काफी लंबी होती है।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी कहा कि भविष्य में दुबारा रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया की जाएगी। फिलहाल इस अनियमितता को देखते हुए फाैरी उपाय के तौर पर यह कार्रवाई की जा रही है। चुनाव आयोग ने राज्य चुनाव आयोगों को ऐसी पार्टियों की सूची भेजने का निर्देश दिया है जिन्होंने कभी चुनाव नहीं लड़ा।

मुख्य चुनाव आयुक्त जैदी ने कहा कि इन पार्टियों को मिलने वाले अनुदानों का विवरण भी भेजने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि अब से हर साल पंजीबद़ध पार्टियों की सूची का विश्लेषण किया जाएगा।

 

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