गुजरात में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही दावों के दौर शुरू हो गए हैं। भाजपा ने विश्वास जताया है कि राज्य की जनता उसके साथ है और उसका सत्ता में लौटना तय है। दूसरी ओर, कांग्रेस का मानना है कि प्रदेश के लोग करीब 20 साल से सत्ता में रही भाजपा की नीतियों से ऊब चुके हैं और इस बार बदलाव के लिए वोट देंगे।
गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता विजय रुपाणी ने कहा कि वे चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि भाजपा तीन चौथाई बहुमत हासिल करने में सफल होगी। रुपाणी ने कहा कि भाजपा के शासन में राज्य में जिस तरह का विकास हुआ है उससे लोगों का रुझान उनकी पार्टी की तरफ बढ़ा है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने अपनी चुनावी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
इस बीच कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोषी ने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि राज्य का जनता इस बार बदलाव चाहती है। दोषी ने कहा कि लोगों को विकास के नाम पर ठगा गया है। जनता महंगाई, बेरोजगारी से परेशान है।
दूसरी ओर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस बात को गलत बताया कि मंगलवार को अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए जो कदम उठाएं गए हैं उनका राज्यों के चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। गौरतलब है कि विपक्ष ने कहा था कि जेटली की घोषणाएं चुनाव वाले राज्यों में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए हैं।
गौरतलब है कि 2012 में हुए चुनाव में भाजपा ने 115 सीटें जीतीं थी जबकि कांग्रेस के खाते में 61 सीटें गईं थी। तब भाजपा को 48 फीसदी और कांग्रेस को 39 फीसदी वोट मिले थे। इस साल रिकॉर्ड 71.30 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले थे। 2007 में भाजपा ने 117 और कांग्रेस ने 59 सीटें जीतीं थी। दोनों पार्टियों को क्रमशः 49 और 38 फीसदी वोट मिले थे। 2002 में मोदी के नेतृत्व में पहली बार भाजपा ने चुनाव लड़ा था। दंगों के बाद हुए चुनाव में भाजपा ने 127 और कांग्रेस ने 51 सीटों पर सफलता हासिल की थी।