शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार को दावा किया कि भाजपा नेताओं को बंद कमरे में हुई बैठक में विपक्ष को विभाजित करने और खुद को तथा एनसीपी (सपा) नेता शरद पवार को निशाना बनाने के निर्देश दिए गए।
ठाकरे ने कहा कि जनता उनका राजनीतिक भविष्य तय करेगी, न कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भाजपा नेताओं को बंद कमरे में हुई बैठक में उन्हें (उद्धव) तथा शरद पवार को राजनीतिक रूप से रोकने के निर्देश दिए।
पूर्वी महाराष्ट्र के रामटेक शहर में छत्रपति शिवाजी महाराज की आदमकद प्रतिमा का उद्घाटन करने के बाद ठाकरे ने कहा, "हाल ही में नागपुर की अपनी यात्रा के दौरान अमित शाह ने भाजपा नेताओं के साथ बंद कमरे में बैठक की, जिसमें उन्होंने उनसे विपक्ष को विभाजित करने तथा मुझे तथा शरद पवार को राजनीतिक रूप से रोकने के लिए कहा। बंद कमरे में क्यों बोल रहे हैं? उन्हें लोगों के सामने यह बात कहनी चाहिए।"
उन्होंने आरोप लगाया कि शाह उद्धव ठाकरे और शरद पवार को राजनीतिक रूप से क्यों खत्म करना चाहते हैं...ताकि भाजपा महाराष्ट्र को लूट सके। ठाकरे ने कहा कि भाजपा ने 2014 में (विधानसभा चुनाव से पहले) (अविभाजित) शिवसेना के साथ अपने तीन दशक पुराने गठबंधन को तोड़ दिया था। उन्होंने कहा, "हालांकि, शिवसेना 63 सीटें जीतने में सफल रही।"
ठाकरे ने आश्चर्य जताया कि क्या आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भाजपा के "हिंदुत्व" से सहमत हैं जिसमें अन्य दलों को तोड़ना और (विपक्षी नेताओं को) अपने पाले में लाना शामिल है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "आगामी चुनाव सत्ता के लिए नहीं हैं, बल्कि महाराष्ट्र को लूटे जाने से बचाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।" उन्होंने लोगों से महा विकास अघाड़ी को भारी जीत दिलाने और रामटेक लोकसभा क्षेत्र के सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में जीत सुनिश्चित करने की अपील की। कांग्रेस और एनसीपी (सपा) के नेता सुनील केदार और अनिल देशमुख ने ठाकरे के साथ मंच साझा किया।