आइएनएक्स मीडिया मामले में दिल्ली की एक कोर्ट ने सोमवार को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के खिलाफ दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया। कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री को 24 अक्टूबर को पेश करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही मामले में अन्य सभी आरोपियों को भी समन जारी किया गया।
जांच एजेंसी सीबीआइ ने शुक्रवार को चिदंबरम, उनके बेटे कार्ति समेत 14 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट में पीटर मुखर्जी, भास्कर, पी चिदंबरम, सिंधुश्री खुल्लर, अनूप पुजारी, प्रबोध सक्सेना, आर प्रसाद, आइएनएक्स मीडिया, एएससीएल और शतरंज प्रबंधन का नाम है। इसमें वित्त मंत्रालय के चार पूर्व अफसरों का भी नाम है। इससे एक दिन पहले गुरुवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने चिदंबरम की हिरासत बढ़ा दी थी। वह 24 अक्टूबर तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में हैं।
जमानत पर फैसला सुरक्षित रखा
सीबीआइ द्वारा 21 अगस्त को गिरफ्तार किए जाने के बाद से ही चिदंबरम हिरासत में हैं। उन्होंने सीधे हाई कोर्ट में नियमित जमानत के लिए याचिका दायर की थी। वहां से जमानत याचिका खारिज होेने के बाद उन्होंने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
शुक्रवार को इस पर सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल और तुषार मेहता के बीच तीखी बहस भी हुई। सीबीआइ की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पी चिदंबरम की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि गवाहों को प्रभावित करने की आशंका है। वहीं, सिब्बल ने सुनवाई में 2 जी मामले का संदर्भ उठाया तो मेहता ने कहा कि आप एक दूसरी ही कहानी ला रहे हैं। इस पर सिब्बल ने कहा कि मैं अपनी इच्छानुसार बहस कर सकता हूं। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
ये है मामला
सीबीआइ ने 15 मई 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी और आरोप लगाया था कि चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान 2007 में आइएनएक्स मीडिया समूह को 305 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश हासिल करने के लिये एफआइपीबी की मंजूरी देने में अनियमितता बरती गई। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने भी इस संदर्भ में 2017 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। मामले में उनके बेटे कार्ति चिदंबरम भी आरोपी हैं, वो भी मामले में जेल में रह चुके हैं और अभी जमानत पर हैं।