कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के बाद नागरिकों से शांति बनाए रखने की मोदी की ‘देर’ से की गई अपील पर कटाक्ष किया है। रविवार रात भड़की हिंसा पर मोदी ने बुधवार को शांति स्थापित करने का ट्वीट किया था।
सिब्बल ने अपने ट्वीट में लिखा, “त्वरित प्रतिक्रिया! 69 घंटे की चुप्पी के बाद हमारे भाइयों और बहनों से अपील करने के लिए धन्यवाद मोदीजी! इस बीच, 38 जानें चली गई हैं और गिनती अभी भी जारी है, 200 से अधिक घायल हैं, हजारों लोग डरे हुए हैं, संपत्तियों को नष्ट कर दिया गया है। आपके मंत्री कांग्रेस पर आरोप लगा रहे हैं।”
रविवार की हिंसा पर बुधवार को आई मोदी की प्रतिक्रिया
सिब्बल का ट्वीट उस अपील के बाद आया है जो मोदी ने बुधवार को जारी की थी। जबकि दिल्ली में सीएए विरोधी और पक्ष के बीच झड़प ने रविवार को ही हिंसक रूप ले लिया था। प्रधानमंत्री दिल्ली के लोगों से शांति और भाईचारा बनाए रखने की अपील करते हुए कहा था कि माहौल जल्द से जल्द शांत और सामान्य होना चाहिए और पहले जैसी स्थिति बहाल की जानी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा था, “दिल्ली के विभिन्न हिस्सों की स्थिति पर व्यापक समीक्षा की गई है। पुलिस और अन्य एजेंसियां जमीनी स्तर पर काम कर सुनिश्चित कर रही हैं कि शांति और सामान्य वातावरण बना रहे।”
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा था, “शांति और सौहार्द हमारी प्राथमिकता है। मैं दिल्ली के अपने भाइयों और बहनों से अपील करता हूं कि हर समय भाइचारा और शांति बनाए रखें। यह महत्वपूर्ण है कि शांत और सामान्य स्थिति जल्द से जल्द बहाल हो।”
सीएए पक्ष-विपक्ष से शुरू हुई भिडंत
दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में रविवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का विरोध और समर्थन करने वाले लोगों के समूह मौजपुर में आमने-सामने आ गए थे और एक-दूसरे पर पथराव शुरू कर दिया था। इस विरोध ने रविवार शाम को ही हिंसक रूप ले लिया और यह हिंसा अन्य इलाकों में फैल गई। सोमवार सुबह आसपास के इलाके इसकी चपेट में आ गए। यह हिंसा तीन दिनों तक बेरोकटोक जारी रही।
हिंसा में कम से कम 42 लोगों की मौत हो गई और लगभग 200 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। साथ ही करोड़ों रुपये की संपत्ति को भी नुकसान हुआ है। हिंसा की जांच के लिए दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने दो विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।