कर्नाटक विधानसभा (विधानसौध) में सोमवार को भी विश्वास मत पर बहस जारी है। इस बीच स्पीकर रमेश कुमार ने कहा कि फ्लोर टेस्ट पर फैसला आज ही होगा, लेकिन कांग्रेस का कहना है कि बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लेने से पहले ऐसा ना किया जाए। स्पीकर ने हर सदस्य के बोलने के लिए 10 मिनट का वक्त निर्धारित किया। उन्होंने कहा कि सभी देख रहे हैं, मुझे बलि का बकरा मत बनाओ। हमें अपने लक्ष्य तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने भाजपा के प्रतिनिधिमंडल के साथ एक बैठक भी की। इससे पहले विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले स्पीकर ने अयोग्यता के मुद्दे पर 15 बागी विधायकों को नोटिस जारी किया। स्पीकर ने मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी, उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर के अलावा कई भाजपा विधायकों से अपने चैंबर में बातचीत की है।
कार्यवाही के दौरान स्पीकर ने कहा, ''आज मैं एक आदेश पारित करूंगा। सुप्रीम कोर्ट का आदेश समझने में देरी हुई। सभी सदस्य सदन में गरिमा बनाए रखें। यहां समय बर्बाद करने से विधानसभा, स्पीकर और विधायकों की छवि धूमिल होती है।'' कुमारस्वामी के विश्वास मत प्रस्ताव पर गुरुवार और शुक्रवार को विधानसभा में चर्चा हो चुकी है।
स्पीकर पहले इस्तीफों पर फैसला लें: कांग्रेस
कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा- भाजपा कुर्सी चाहती है तो इसे स्वीकार क्यों नहीं कर रही? वे ऑपरेशन लोटस की बात क्यों नहीं मान रहे हैं? उन्हें बागी विधायकों के संपर्क में होने की बात स्वीकार करनी चाहिए।कांग्रेस विधायक कृष्णा बायरे गौड़ा ने कहा- हम असाधारण परिस्थितियों में हैं। मैं स्पीकर से अपील करता हूं कि विश्वास मत के लिए वोटिंगे से पहले वह इस्तीफों पर फैसला लें।
निर्दलीय विधायकों की याचिका पर जल्द सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दो निर्दलीय विधायकों की याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया।रविवार को कांग्रेस-जेडीएस सरकार से समर्थन वापस लेने वाले दो निर्दलीय विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि सोमवार शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दें। दूसरी ओर, राज्य के इकलौते बसपा विधायक एन महेश को पार्टी प्रमुख मायावती ने कुमारस्वामी के पक्ष में समर्थन करने के निर्देश दिए। इससे पहले एन महेश ने कहा था कि वे फ्लोर टेस्ट के दौरान तटस्थ रहेंगे। हालांकि, विश्वास मत प्रस्ताव पर बहस के दौरान भी बसपा विधायक सदन में गैर हाजिर थे।
आज कुमारस्वामी सरकार का आखिरी दिन: येदियुरप्पा
रविवार को मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कांग्रेस-जेडीएस विधायकों के साथ ताज होटल में बैठक की। मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि यह देश में अनैतिक राजनीति का नया बेंचमार्क है। उधर, भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने फिर से कहा कि सोमवार को गठबंधन सरकार का आखिरी दिन होगा। उधर, मुंबई में मौजूद बागी विधायकों ने कहा, ''हम यहां सिर्फ गठबंधन (कांग्रेस-जेडीएस) सरकार को सबक सिखाने के लिए आए हैं। इसके अलावा कोई दूसरा मकसद नहीं है। हम यहां पैसे या किसी दूसरी चीज के लालच में नहीं आए। एक बार सबकुछ ठीक हो जाए, फिर बेंगलुरु लौट जाएंगे।''
कुमारस्वामी ने राज्यपाल की दो डेडलाइन नजरअंदाज कीं
राज्यपाल वजुभाई वाला ने कुमारस्वामी को बहुमत साबित करने के लिए शुक्रवार दोपहर 1.30 बजे और फिर शाम 6 बजे तक की डेडलाइन दी थी। लेकिन मुख्यमंत्री ने इस दिन विश्वास मत साबित नहीं किया। कुमारस्वामी ने शुक्रवार को कहा था, ''मेरे मन में राज्यपाल के लिए सम्मान है, लेकिन उनके दूसरे प्रेम पत्र ने मुझे आहत किया। मैं फ्लोर टेस्ट का फैसला स्पीकर पर छोड़ता हूं। मैं दिल्ली द्वारा निर्देशित नहीं हो सकता। मैं स्पीकर से अपील करता हूं कि राज्यपाल की ओर से भेजे गए पत्र से मेरी रक्षा करें।''
गठबंधन सरकार गिराने का माहौल बनाया जा रहा: कुमारस्वामी
मुख्यमंत्री ने येदियुरप्पा के निजी सचिव पीए संतोष के साथ निर्दलीय विधायक एच नागेश की फोटो दिखाते हुए कहा था, ''क्या वाकई उन्हें विधायकों की खरीद-फरोख्त के बारे में 10 दिन पहले ही पता चला? जब से कांग्रेस-जेडीएस सरकार बनी, इसे गिराने के लिए माहौल बनाया जा रहा है। मुझे पहले दिन से पता था कि सत्ता ज्यादा नहीं चलेगी, देखता हूं भाजपा कितने दिन सरकार चला पाएगी? मुद्दे पर बहस होने दीजिए। आप (भाजपा) अभी भी सरकार बना सकते हैं। कोई जल्दी नहीं है। आप सोमवार या मंगलवार को भी सरकार बना सकते हैं। मैं अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल नहीं करूंगा। पहले राजनीतिक संकट पर चर्चा होगी, इसके बाद फ्लोर टेस्ट।''
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ कांग्रेस ने दायर की याचिका
कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, इसमें शीर्ष अदालत के 17 जुलाई के फैसले को चुनौती दी गई। दरअसल, कोर्ट ने 17 जुलाई को कहा था कि 15 बागी विधायकों को सदन की कार्यवाही का हिस्सा बनने के लिए बाध्य न किया जाए। इन विधायकों पर व्हिप लागू नहीं होगी। कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख दिनेश गुंडू राव ने याचिका दायर कर कोर्ट से फैसले पर स्पष्टीकरण की मांग की। इसमें कहा गया है कि कोर्ट का आदेश व्हिप जारी करने के पार्टी के अधिकार को प्रभावित करता है।