कर्नाटक में नवनिर्वाचित बीएस येदियुरप्पा सरकार को शनिवार शाम 4 बजे अपना बहुमत सिद्ध करना होगा। इस बीच नवगठित विधानसभा के संचालन के लिए कर्नाटक के राज्यपाल ने भाजपा के विधायक केजी बोपैया को प्रोटेम स्पीकर के तौर पर नियुक्त किया।
कांग्रेस ने उठाए सवाल
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, प्रोटेम स्पीकर को लेकर राज्यपाल के फैसले पर कांग्रेस ने कई सवाल उठाए हैं। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि आदर्श तौर पर वरिष्ठ नेता को यह पद धारण करना चाहिए। क्या भाजपा नियमों के खिलाफ गई है?
भाजपा का पलटवार
केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने कांग्रेस के ऐतराज पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि केजी बोपैया 2008 में तत्कालीन राज्यपाल द्वारा प्रोटेम स्पीकर के रूप में नियुक्त किए गए थे। उस समय बोपैया आज के मुकाबले 10 साल छोटे थे। कांग्रेस इस प्रकार धोखाधड़ी वाली आपत्ति जता रही है। बोपैया जी की नियुक्ति नियमों और के अनुसार हुई है।
कौन हैं बोपैया?
कोम्बारना गणपति बोपैया चौथी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। वह पहले भी प्रोटेम स्पीकर रहे हैं।
बोपैया विराजपेट विधानसभा क्षेत्र से लगातार 3 बार चुनाव जीतने में सफल रहे हैं। इस बार भी वे विराजपेट विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए हैं। 2008 में वह 4 दिन के लिए प्रोटेम स्पीकर रहे और इस दौरान भाजपा को विश्वास मत हासिल हुआ था।
प्रोटेम स्पीकर के कार्य
नियमों के मुताबिक सदन के सबसे वरिष्ठ नेता को प्रोटेम स्पीकर के तौर पर चुना जाता है। उनका मुख्य कार्य नव निर्वाचित विधायकों को शपथ दिलवाना होता है। किसी शख्स का नाम सिफारिश के लिए भेजते समय यह जरूर देखना होता है कि वह उस समय स्पीकर या मंत्रीपद का उम्मीदवार ना हो। प्रोटेम स्पीकर को यह फैसला लेना होता है कि सदन में बहुमत ध्वनि के जरिए या बैलेट के जरिए करवाना है।