कर्नाटक में जेडीएस और कांग्रेस की गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में जेडी कुमारस्वामी ने बुधवार को शपथ ली। कांग्रेस के जी परमेश्वर ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्यपाल वजुभाई वाला ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुमारस्वामी और परमेश्वर को शपथ लेने पर शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कुमारस्वामी से फोन पर बात भी की।
इस मौके पर एकजुट विपक्ष की झलक देखने को मिली। जिस तरह से समारोह के दौरान विपक्षी नेताओं ने एक-दूसरे से बात की उससे यह साफ हो गया कि 2019 के आम चुनाव में एक सशक्त विपक्ष का उभार तय है।
संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी इस मौके पर मौजूद थे। बेटे के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री एचडी देवेगौड़ा भी पहुंचे। उऩके साथ उनकी पत्नी चेन्नमा भी थीं। समारोह स्थल पर उन्होंने अखिलेश यादव और मायावती से मुलाकात की। भाजपा विरोधी दलों की एकजुटता दिखाने के लिए समारोह में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, रालोद नेता चौधरी अजित सिंह, राजद नेता तेजस्वी यादव भी मौजूद थे।
समारोह में पहुंचे बसपा प्रमुख मायावती और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया। यहां पहुंचे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और माकपा नेता सीताराम येचुरी एक साथ मिले। इन नेताओं ने विपक्षी एकता के बारे में बात की।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद कहा कि हम लोग यहां क्षेत्रीय पार्टियों को मजबूत करने के लिए जुटे हैँ। उन्होंने कहा कि कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण में आने का मकसद उनके प्रति अपनी एकता दिखाना है। भविष्य में हम एकजुट रहेंगे और राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए साथ काम करेंगे।
दूसरी ओर, भाजपा ने कुमारस्वामी के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के खिलाफ राज्य में बुधवार को लोक विरोधी जनादेश दिवस मनाया। भाजपा नेता बीएस यदियुरप्पा ने कहा कि सत्ता के प्रति भूख और लोभ के कारण कांग्रेस और जेडीएस का गठबंधन हुआ है। ऐसा गठबंधन तीन माह भी नहीं चलेगा।