सीएम ममता बनर्जी ने अपने फेसबुक अकाउंट पर साझा किए गए एक पोस्ट में लिखा है कि जीएसटी लागू होने से, अन्य कई बातों के अलावा इसमें श्ाामिल गिरफ्तारी वाला प्रावधान काफी निर्दयी है, जिससे छोटे और मध्यम दर्जे के कारोबारियों का बड़े पैमाने पर उत्पीड़न होगा और इसकी कुछ धाराएं तो गैर-जमानती हैं।
ममता ने लिखा, ‘‘देश ने 14 अगस्त 1947 की मध्य रात्रि आजादी हासिल की थी और अब 30 जून 2017 की मध्य रात्रि से देश की आजादी और लोकतंत्र के लिए भयानक खतरा पैदा हो गया है और अब इंस्पेक्टर राज का युग लौट आया है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह बताना चाहती हूं कि जीएसटी से पहले वैट कानून में राज्य के फील्ड अधिकारियों को गिरफ्तारी की शक्ति नहीं दी गई है और अगर उन्हें लगता है कि कहीं कोई गंभीर कर संबंधी अपराध हुआ है तो वे ज्यादा से ज्यादा एक FIR दर्ज कर सकते हैं, जिसमें कानूनी प्रकियाओं का पालन किया जाएगा। लेकिन जीएसटी में इंस्पेक्टरों को चार विभिन्न अपराधों के लिए गिरफ्तारी की शक्तियां प्राप्त हैं, जिसमें व्यापारियों को एक से चार वर्ष जेल की सजा हो सकती है।
सीएम ममता ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने इस प्रावधान का जमकर विरोध किया था, लेकिन केन्द्र सरकार ने हमारी बात पर कोई ध्यान नहीं दिया। देश में बदले की भावना का जो माहौल है उसे देखते हुए लगता है कि जो भी केन्द्र सरकार के खिलाफ आवाज उठाने का साहस करेगा, खासकर व्यापारियों को, इसकी आड़ में निशाना बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा मुझे डर है कि जीएसटी लागू होने के बाद से देश के उद्यमियों और आम आदमी के लिए अंधेरे के युग की शुरूआत हो जाएगी।