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गठबंधन में बसपा सीटों के लिए ‘भीख’ नहीं मांगेगी: मायावती

बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को कांग्रेस और भाजपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कहा कि...
गठबंधन में बसपा सीटों के लिए ‘भीख’ नहीं मांगेगी: मायावती

बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को कांग्रेस और भाजपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कहा कि चुनावी गठबंधनों के लिए हमारी पार्टी ने ‘सम्मानजनक सीटें’ मिलने मात्र की शर्त रखी थी। इसका मतलब साफतौर पर यह है कि गठबंधन में बीएसपी सीटों के लिए ‘भीख’ नहीं मांगेगी।

बीजेपी और कांग्रेस गरीबों की हितैषी पार्टी नहीं है: मायावती 

बसपा सुप्रीमो ने कहा, हम जानते हैं कि ना तो बीजेपी और ना ही कांग्रेस पार्टी, बहुजन समाज और अपरकास्ट समाज के गरीबों की हितैषी पार्टी है अर्थात अगर ऐसा नहीं होता तो इन वर्गों की सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक व शैक्षणिक हालत आज इतनी ज्यादा दयनीय नहीं होकर पिछले 70 वर्षों में काफी सुधर गई होती और सत्ता में इनकी समुचित भागीदारी भी होती।

यह बातें उन्होंने मंगलवार को बसपा के संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि के अवसर पर कहीं। इस अवसर पर उन्होंने दिल्ली में 12 गुरुद्वारा रकाबगंज रोड स्थित ‘बहुजन प्रेरणा केन्द्र’ जाकर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। बसपा संस्थापक की पुण्यतिथि पर देशभर में और खासतौर से प्रदेश में विभिन्न स्तरों पर छोटे-बड़े कार्यक्रम किए जा रहे हैं।

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि बसपा सदियों से पीड़ित दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, मुस्लिम और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ-साथ अपरकास्ट समाज के गरीबों के सम्मान और स्वाभिमान के साथ कभी समझौता नहीं कर सकती, चाहे उसके लिए कांग्रेस और बीजेपी सरकारों का कितना ही विद्वेष और प्रताड़ना झेलना पड़े। वैसे तो बीजेपी और कांग्रेस पार्टी से इन वर्गों के व्यापक हित और सम्मान की उम्मीद भी नहीं करते, लेकिन इनका अपमान भी हम बर्दाश्त नहीं कर सकते। यही कारण है कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां बीएसपी और इसके नेतृत्व को कमजोर, बदनाम और राजनीतिक तौर पर कमजोर करने के लिए केवल प्रयास ही नहीं, बल्कि साम, दाम, दण्ड, भेद आदि अनेक हथकण्डों का लगातार इस्तेमाल करती रहती हैं और खासकर चुनावों के समय तो यह कुत्सित प्रयास और भी ज्यादा सघन और विषैला हो जाता है, जिससे काफी ज्यादा सावधान रहने की सख्त जरूरत है।

उन्होंने कहा कि बीएसपी का राजनीतिक सफर और चुनावी इतिहास यह साबित करता है कि बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर के रुके पड़े कारवां को इसने ना केवल आगे बढ़ाया है, बल्कि काफी हद तक बड़ी सफलताएं भी अर्जित की हैं और इसी का परिणाम है कि सदियों से शोषित, पीड़ित और उपेक्षित समाज का लगभग हर सदस्य अपने आत्म-सम्मान और स्वाभिमान के लिए अपने-अपने स्तर पर कड़ा संघर्ष कर रहा है। इस क्रम में सरकारी जुल्म-ज्यादती और आतंक झेलने के बावजूद सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करने के लिए तन, मन, धन से लगा हुआ है।

मायावती ने कहा कि यह भी जरूर याद रखना चाहिए कि ऐसे ही जबर्दस्त संघर्षशील समाज को हर प्रकार से दबाने और उन्हें आगे बढ़ते रहने से रोकने के लिए किस्म-किस्म के षड्यन्त्र किए जा रहे हैं, जिसका काफी डटकर मुकाबला करते रहने की जरूरत है।

'बीजेपी की सरकारों में हर तरफ भय, आतंक और अराजकता का माहौल व्याप्त है'

उन्होंने कहा कि एक मजलूम ही दूसरे मज़लूम की मदद कर सकता है। इस आधार पर बीएसपी कतई नहीं चाहती है कि किसी भी कानून का, चाहे वह एससी/एसटी कानून ही क्यों ना हो, सरकारी मशीनरी के हाथों दुरुपयोग हो और यह उत्तर प्रदेश में चार बार रही बीएसपी की सरकार में हमने करके भी दिखाया है। वर्तमान में बीजेपी की सरकारों में हर तरफ भय, आतंक और अराजकता का माहौल व्याप्त है और जनता में त्राहि-त्राहि मची हुई है। ऐसे माहौल से लोगों को बचाना बहुत जरूरी है जिसमें बीएसपी की ही भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।

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