बता दें कि बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में नई मेट्रो नीति को मंजूरी दी गई थी, जिसमें तय किया गया था कि देश में जल्द मेट्रो विस्तार के लिए इसमें निजी निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा. नई नीति में मेट्रो को 600 किलोमीटर बढ़ाने का फैसला किया गया है, सरकार का लक्ष्य 20 लाख से अधिक आबादी वाले 20 शहरों में मेट्रो चलाने का है।
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, मायावती ने गुरुवार को एक प्रेस जारी कर बताया कि सरकार अब मेट्रो को भी प्राइवेट हाथों में दे रही है, जिससे मेट्रो का निर्माण प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि इससे कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर और लखनऊ में चल रहे प्रोजेक्ट पर भी फर्क पड़ेगा। उन्होंने अपने प्रेस रिलीज के माध्यम से केंद्र की मोदी सरकार पर वार करते हुए कहा कि मेट्रो 2002 में शुरू हुई थी, तब से लेकर अब तक केंद्र सरकार इसमें राज्यों को मदद करती थी, लेकिन अब मोदी सरकार ने इससे खुद को अलग कर लिया है।
मायावती ने आरोप लगाया कि अब मेट्रो का निर्माण बड़े कारोबारियों के हाथ में चला जाएगा, जिससे इसके विस्तार पर फर्क पड़ेगा। इसके अलावा उन्होंने यूपी में की गई किसानों की कर्ज माफी को अधूरा वादा बताया। उन्होंने कहा कि किसानों के कर्ज माफी का वादा किया गया था, लेकिन बाद में कहा गया कि सिर्फ 1 लाख तक के कर्ज माफ किए जाएंगे। ये कदम किसानों के साथ विश्वासघात को दिखाता है।