विपक्ष्ा की राष्ट्रपति उम्मीदवार मीरा कुमार ने अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से समर्पण और निष्ठा की मिसाल बाबू जगजीवन राम को याद करते हुए एक पुरानी तस्वीर साझा की। उन्होंने ट्विट कर कहा, ‘‘बाबूजी शक्ति और साहस के एक जलाशय थे, जिन्होंने मुझे चुनौतियों का सामना करने और मेरे सिद्धांतों के लिए संघर्ष करना सिखाया।’’
A reservoir of strength & courage, Babuji taught me to confront challenges & fight for my principles. pic.twitter.com/bnqWORXCrM
— Meira Kumar (@meira_kumar) July 6, 2017
गौरतलब है कि पांच अप्रैल 1908 में जन्मे बाबू जगजीवन राम के लगभग 50 वर्षो के संसदीय जीवन में राष्ट्र के प्रति उनका समर्पण और निष्ठा बेमिसाल है। उनका संपूर्ण जीवन राजनीतिक, सामाजिक सक्रियता और विशिष्ट उपलब्धियों से भरा हुआ है। सदियों से शोषित और उत्पीड़ित दलितों, मजदूरों के मूलभूत अधिकारों की रक्षा के लिए जगजीवन राम द्वारा किए गए कानूनी प्रावधान ऐतिहासिक हैं।
बाबू जगजीवन राम को भारतीय समाज और राजनीति में दलित वर्ग के मसीहा के रूप में याद किया जाता है। वह स्वतंत्र भारत के उन गिने-चुने नेताओं में थे जिन्होंने देश की केंद्रीय राजनीति के साथ ही दलित समाज को भी नई दिशा प्रदान की।