वैद्य ने कथित रूप से आरक्षण व्यवस्था की समीक्षा की वकालत की। आरएसएस ने साथ ही कहा कि पिछड़े वर्गों के लिए इस तरह की व्यवस्था जारी रहनी चाहिए।
जहां मनमोहन वैद्य ने शुक्रवार को जयपुर साहित्योत्सव में आरक्षण नीति की समीक्षा की मांग करते हुए कहा था कि संविधान के निर्माता बी.आर. अंबेडकर ने हमेशा इसके बने रहने की वकालत नहीं की थी, वहीं उनके पिता एवं संघ के वरिष्ठ विचारक एम जी वैद्य ने शनिवार को कथित रूप से उसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कुछ श्रेणियों के लिए आरक्षण व्यवस्था की समीक्षा की जानी चाहिए। राष्टीय स्वयंसेवक संघ के संयुक्त महासचिव दत्तात्रोय होसबोले ने कहा, हम आरक्षण पर आरएसएस के रुख को लेकर विवाद पैदा करने की कोशिशों का कड़ाई से विरोध करते हैं। मैंने कल जयपुर साहित्योत्सव में और उसके बाद एक संवाददाता सम्मेलन में इस मुद्दे पर संघ का रुख साफ कर दिया था। उन्होंने कहा, वैद्यजी (एम जी वैद्य) द्वारा नागपुर में दिया गया बयान उनके निजी विचार हैं। आरएसएस इससे सहमत नहीं है।