भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अर्थव्यवस्था को लेकर आज कई बड़े ऐलान किए हैं। आरबीआई द्वारा किए गए ऐलान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे लेकर ट्वीट भी किया है। वहीं, कांग्रेस ने भी आरबीआई के इस कदम का स्वागत तो किया साथ ही यह भी कहा कि ईएमआई की तिथि आगे बढ़ाने पर आरबीआई का निर्देश अस्पष्ट है और यह अधूरे मन से किया गया है।
पीएम मोदी ने की आरबीआई के कदमों की तारीफ
आज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा किए गए ऐलान का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरबीआई के कदमों की तारीफ की है। पीएम मोदी ने इसको लेकर एक ट्वीट किया है और लिखा है, 'आज आरबीआई ने कोरोना वायरस के असर से हमारी अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए बड़े कदम उठाए हैं। ये घोषणाएं लिक्विडिटी को बढ़ाएंगी, फंड की लागत को कम करेंगी और इसके साथ ही कारोबार और मध्यम वर्ग को इनसे मदद मिलेगी।'
अधूरे मन से दिया गया ईएमआई की तिथि आगे बढ़ाने का निर्देश
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कोरोना संकट के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के रेपो दर में कटौती के फैसले का शुक्रवार को स्वागत किया और साथ ही आरोप लगाया कि कर्ज पर किश्तों के भुगतान की तिथि को आगे बढ़ाने का फैसला स्पष्ट नहीं है, जिससे कर्ज लेने वालों को निराशा होगी।
पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, ‘मैं रेपो रेट में कटौती के आरबीआई के फैसले और अधिक नकदी प्रदान करने के लिए उठाए गए कदमों का स्वागत करता हूं। बहरहाल, ईएमआई की तिथि आगे बढ़ाने पर आरबीआई का निर्देश अस्पष्ट है और यह अधूरे मन से किया गया है। मांग यह है कि सभी ईएमआई के भुगतान की तिथियां स्वत: आगे बढ़नी चाहिए।’ उन्होंने दावा किया, ‘मैंने सुझाव दिया था कि सभी तिथियों को 30 जून तक बढ़ाया जाए। अब कर्ज लेने वालों को बैंकों पर निर्भर बना दिया गया है और वे निराश होंगे।’
आर्थिक राहत के ऐलान पर जताई थी खुशी
पूर्व वित्त मंत्री ने गुरुवार को सरकार की ओर से किए गए आर्थिक राहत के ऐलान पर भी खुशी जाहिर की थी। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से फाइनेंसियल ऐक्शन प्लान लाया गया है। वह उनकी ओर से सुझाए गए 10 बिंदुओं से मिलता जुलता है, लेकिन हालात को यह देखते हुए यह काफी नहीं है। सरकार को जल्द ही अहसास होगा कि इसमें और भी कुछ करने की जरूरत है।
पी. चिदंबरम ने ट्वीटर पर कहा था, 'आप देखेंगे कि किरायेदार किसानों और निराश्रितों को मदद, रोजगार और मजदूरी के मौजूदा स्तर को बनाए रखने, कर अवहेलना, ईएमआई स्थगन, जीएसटी दर में कटौती, आदि जैसे सुझावों पर ध्यान नहीं दिया गया है। आइए उम्मीद करते हैं कि शीघ्र ही एक प्लान-2 होगी।
एक साथ किए गए कई अलग-अलग ट्वीट में उन्होंने कहा, योजना तीन महीने के लिए गरीबों को पर्याप्त अतिरिक्त खाद्यान्न देती है और यह स्वागत योग्य है। योजना में गरीबों की जेब में पर्याप्त नकदी नहीं देता है। कुछ वर्गों को पूरी तरह से छोड़ दिया गया है'। हमारा अनुमान (अतिरिक्त धन जो हस्तांतरित किया जाएगा (अनाज और दालों के मूल्य सहित) 1 लाख करोड़ रुपये है। आवश्यक है लेकिन पर्याप्त नहीं है।
आज आरबीआई गवर्नर ने की कई निर्णयों की घोषणा
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संकट को देखते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में 0.75 फीसदी की कटौती सहित कई निर्णयों की घोषणा की।