संसद के मानसून सत्र में सरकार को लगातार अपनी सियासी कदमताल से हिलाने वाले विपक्षी दलों की एकजुटता आज फिर नजर आई। गुरूवार को विपक्षी दलों ने विजय चौक से संसद तक पैदल मार्च निकाला है। मार्च में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, आरजेडी सांसद मनोज झा सहित 15 दलों के नेता शामिल हैं।
संसद परिसर में मौजूद गांधी स्टैच्यू के पास से ये मार्च निकाला गया और मॉनसून सत्र को वक्त से पहले खत्म करने, चर्चा ना करने का विरोध किया जा रहा है। तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर राहुल गांधी समेत विपक्ष के अन्य नेताओं ने संसद भवन से विजय चौक तक मार्च किया। इस दौरान सभी विपक्षी नेता मीडिया से मुखातिब भी हुए।
इस दौरान कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राज्यसभा में पहली बार सांसदों की पिटाई की गई, बाहर से लोगों को बुलाकर और नीली वर्दी में डालकर सांसदों से मारपीट की गई। इस दौरान राहुल गांधी ने यह ङी कहा, हमने सरकार से पेगासस पर बहस करने के लिए कहा लेकिन सरकार ने पेगासस पर बहस करने से मना कर दिया। हमने संसद के बाहर किसानों का मुद्दा उठाया और हम आज यहां आपसे(मीडिया) बात करने आए हैं क्योंकि हमें संसद के अंदर नहीं बोलने दिया गया। ये देश के लोकतंत्र की हत्या है।
दरअसल, राज्यसभा में बीते दिन महिला सांसदों के साथ बदसलूकी होने का आरोप लगा. विपक्ष द्वारा आरोप लगाया गया कि सुरक्षाकर्मियों द्वारा बदतमीजी की गई, विपक्ष द्वारा आरोप लगाया गया कि सुरक्षाकर्मियों द्वारा बदतमीजी की गई, विपक्ष के नेताओं का कहना है कि संसद के इतिहास में पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। विपक्षी पार्टियों के साझा मार्च से पहले सभी नेताओं ने कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर बैठक की. इसमें राहुल गांधी, संजय राउत समेत अन्य नेता शामिल हुए। मार्च के बाद सभी विपक्षी नेता राज्यसभा चेयरमैन वैंकेया नायडू से मुलाकात करेंगे।
मंगलवार को विपक्ष द्वारा राज्यसभा में जमकर हंगामा किया गया था, कई नेता टेबल पर चढ़कर पर्चे उड़ा रहे थे. जिसके बाद बुधवार को राज्यसभा चेयरमैन वेंकैया ने सदन में इसकी निंदा की थी. लेकिन बुधवार को ही विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि मार्शल द्वारा सांसदों के साथ बदतमीजी की गई।
बता दें कि राहुल गांधी कुछ दिन पहले विपक्षी दलों के नेताओं से नाश्ते की टेबल पर मिले थे। इसके बाद सभी विपक्षी दलों के नेता साइकिल से संसद पहुंचे थे। इससे पहले राहुल गांधी ट्रैक्टर चलाकर संसद पहुंचे थे। तब कांग्रेस ने यह संदेश देने की कोशिश थी कि वह किसानों की आवाज को पुरजोर तरीके से उठाती रहेगी।
बता दें कि संसद के मानसून सत्र में मोदी सरकार विपक्ष के हमलों से बुरी तरह घिर गई है। पेगासस जासूसी मामला, किसान आंदोलन सहित कई और मुद्दों पर विपक्ष एकजुट है। पेगासस जासूसी मामले को लेकर लोकसभा, राज्यसभा में मॉनसून सत्र के दौरान हंगामा होता रहा। इसी वजह से पूरा सत्र बिना किसी बड़ी चर्चा के धुल गया है।