नागपुर की एक अदालत ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता देवेंद्र फडणवीस को चुनावी हलफनामे के मामले में जमानत दे दी है। चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (सीएमएम) पीएस इंगले ने फडणवीस को 15 हजार रुपए के निजी मुचलके पर पर जमानत दी। 2014 के चुनावी हलफनामे में उनके खिलाफ दो आपराधिक मामलों की जानकारी छिपाने का आरोप लगा था जब उन्होंने दक्षिण-पश्चिम नागपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा, जिसकी सुनवाई को लेकर वो गुरुवार को पेश हुए।
हाई कोर्ट के पलटे थे आदेश
अधिवक्ता सतीश उके द्वारा फडणवीस के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जमानत दी। इससे पहले अधिवक्ता सतीश उके ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था जिसके बाद कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश को पलट दिया और निचली अदालत को मामले की सुनवाई जारी रखने का निर्देश दिया। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को फडणवीस द्वारा दायर की गई समीक्षा याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ 2014 के चुनावी हलफनामे में दो लंबित आपराधिक मामलों का खुलासा नहीं करने के लिए मुकदमा चलाने का निर्देश दिया था।
रद्द किया था आदेश
बता दें, उस वक्त के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने पिछले साल एक अक्टूबर को अपने 2014 के चुनावी पत्रों में फडणवीस के खिलाफ आपराधिक मामलों को छिपाने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया था।