दीनदयाल उपाध्याय जन्मशताब्दी समिति में मोदी द्वारा नीतीश का नाम रखे जाने से भारतीय जनता पार्टी और नीतीश के बीच दोस्ती की चर्चा राजनीति के गलियारों में फैल रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि नीतीश कुमार इसे कैसे लेंगे। जेडीयू और आरजेडी के रिश्तों में खटास आने की खबरों के बीच इस पर सभी की निगाहें रहेंगी। वैसे इस समिति में जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा भी शामिल हैं। भाजपा नेताओं का कहना है कि दीनदयाल उपाध्याय जन्मशताब्दी कार्यक्रम में सभी दलों को आगे आना चाहिए। यह अलग बात है कि कांग्रेस से इस समिति में कोई नेता नहीं है।
बीजेपी और नीतीश कुमार की नजदीकी को लेकर कयास लगते रहे हैं। फिर भी यह देखना दिलचस्प होगा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ मुक्त भारत का नारा देने वाले नीतीश संघ के प्रचारक और वरिष्ठ नेता दीनदयाल उपाध्याय की जन्मशति कार्यक्रमों को कैसे लेते हैं। जिस पार्टी के खिलाफ लड़ कर वह भावी प्रधानमंत्री होने का सपना देखते हैं उसी पार्टी ने उन्हें अपने पाले में मिलाने के लिए पांसा फेंक दिया है।
दीनदयाल जन्मशताब्दी कमेटी में मोदी ने रखा नीतीश का नाम
कहा जाता है कि मोदी हमेशा मास्टर स्ट्रोक मारते हैं। इस स्ट्रोक का भी राजनैतिक हलकों में खूब चर्चा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ नेता दीनदयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी मनाने के लिए दो समिति बनाई हैं। इस समिति की खास बात यह है कि इसमें उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी रखा है।
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