राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ नहीं जाएगी, भले ही कुछ ‘‘शुभचिंतक’’ उन्हें इस बाबत मनाने की कोशिश कर रहे हैं।
महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के सांगोला में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि अगर उनके भतीजे अजित पवार उनसे मिलते हैं, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल अजित पवार की अपने चाचा शरद पवार से शनिवार को पुणे में एक कारोबारी के आवास पर हुई ‘गुप्त’ बैठक से सियासी सरगर्मी बढ़ गई है।
शरद पवार ने कहा, “मैं राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में यह स्पष्ट कर रहा हूं कि मेरी पार्टी (राकांपा) भाजपा के साथ नहीं जाएगी। भारतीय जनता पार्टी के साथ कोई भी जुड़ाव राकांपा की राजनीतिक नीति में फिट नहीं बैठता है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि कुछ ‘‘शुभचिंतक’’ उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वह कभी भी भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेंगे।
शरद पवार ने बिना नाम लिए कहा, ‘‘हममें से कुछ (अजित पवार के नेतृत्व वाला राकांपा समूह) ने अलग रुख अपनाया है। हमारे कुछ शुभचिंतक यह देखने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या हमारे रुख में कोई बदलाव हो सकता है। यही कारण है कि वे हमसे सौहार्दपूर्ण चर्चा करने की कोशिश कर रहे हैं।’’ अजित पवार ने पिछले महीने शिवसेना-भाजपा सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की, जबकि उनके गुट के आठ अन्य राकांपा विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी।
अजित पवार के साथ बैठक के बारे में पूछे जाने पर शरद पवार ने कहा, ‘‘मैं आपसे कहना चाहता हूं कि वह मेरे भतीजे हैं। भतीजे से मिलने में क्या बुराई है? यदि परिवार का कोई वरिष्ठ व्यक्ति परिवार के किसी अन्य सदस्य से मिलना चाहता है, तो इसमें कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। अगर अजित पवार मुझसे मिलने आते हैं, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। हम छिप-छिपकर नहीं मिलते।’’
शरद पवार ने कहा कि विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ के कई नेता 31 अगस्त को मुंबई में बैठक करेंगे, जहां कई मुद्दों पर चर्चा होगी।
राकांपा प्रमुख ने यह भी कहा कि लोग राज्य की बागडोर महा विकास आघाडी (एमवीए) को सौंपेंगे, जिसमें शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), राकांपा (शरद पवार समूह) और कांग्रेस शामिल हैं।
शरद पवार ने रविवार को दिवंगत विधायक गणपतराव देशमुख की प्रतिमा का अनावरण करने के लिए सोलापुर जिले में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के साथ मंच साझा किया। उन्होंने कहा कि केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को राज्य के किसानों से संवाद करना चाहिए।
पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा, ‘‘अगर सरकार बदलती है, तो अधिकारियों को भी स्थानांतरित कर दिया जाता है, जिसका सीधा असर खेती उद्योग पर पड़ता है।’’
शरद पवार ने कहा कि राकांपा महाराष्ट्र के किसानों के साथ बातचीत शुरू करेगी और उनके मुद्दों को सरकार के समक्ष उठाएगी। एक सवाल के जवाब में शरद पवार ने कहा कि वह अभी तक राकांपा के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक से नहीं मिले हैं, जिन्हें हाल में धन शोधन मामले में उच्चतम न्यायालय ने अंतरिम जमानत दी थी।