माकपा नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने सोमवार को कहा कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों पर हमला है। उन्होंने कहा कि इस तरह के उपाय देश के लोकतांत्रिक ढांचे और संवैधानिक मूल्यों के लिए खतरा हैं।
कुलगाम से विधायक तारिगामी ने संवाददाताओं से कहा, "मदुरै में पार्टी कांग्रेस के दौरान, देश भर से आए प्रतिनिधियों, जिनमें धर्म से गहरे जुड़ाव रखने वाले लोग, लेखक और राजनीतिक तथा सामाजिक मामलों के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले लोग शामिल थे, ने सर्वसम्मति से निष्कर्ष निकाला कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है।"
उन्होंने कहा, "हमने वहां यही बात उजागर की। इस तरह की कार्रवाइयों के कारण हमारे देश का लोकतांत्रिक ताना-बाना और संवैधानिक ढांचा कमजोर हो रहा है।"
तारिगामी ने नागरिक समाज, सांसदों, विधायकों, लेखकों और मीडिया से अपनी आवाज उठाने की अपील की। उन्होंने कहा, "चाहे अल्पसंख्यकों पर हमला हो, लोकतंत्र पर, संस्थाओं पर या संवैधानिक अधिकारों पर, कोई नहीं जानता कि अगला निशाना क्या होगा। इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, आवाज उठानी चाहिए।"