एनसीपी मुखिया शरद पवार का कहना है कि मध्य प्रदेश जैसा राजनीतिक नाटक महाराष्ट्र में संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन सरकार ‘बहुत अच्छा’ कर रही है। दक्षिण मुंबई में स्थित विधान भवन में पत्रकारों से बात करते हुए पवार ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ‘तुरंत पुर्नवास’ चाहते थे।
सिंधिया को देनी थी नई जिम्मेदारी
यह पूछे जाने पर कि क्या कमलनाथ सरकार के आसन्न संकट के लिए कांग्रेस को दोषी ठहराया जाना चाहिए, पवार ने कहा कि पार्टी का “नेतृत्व अच्छा और सक्षम” है। कांग्रेस से सिंधिया के बाहर होने के बाद पवार ने कहा, “कुछ लोगों को कमलनाथ की क्षमता पर भरोसा है और उन्हें लगता है कि चमत्कार हो सकता है।” पवार ने कहा कि अगले एक या दो दिन में (कमलनाथ द्वारा चमत्कार) क्या होगा यह पता चल जाएगा। मैं मध्य प्रदेश विधानसभा की संरचना नहीं जानता। लेकिन मुझे लगता है कि यदि ‘राजा साहब’ (सिंधिया) से बात की गई होती तो यह स्थिति नहीं आती। पवार ने कहा कि लोकसभा चुनावों में हार के बाद सिंधिया को नई जिम्मेदारियां दी जानी चाहिए थीं।
यह कांग्रेस की विफलता
पवार के सुर में सुर मिलाते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने भी कहा कि “बीजेपी ने महाराष्ट्र में भी सरकार बनाने की कोशिश की थी लेकिन उसे सफलता हाथ नहीं लगी। राउत ने कहा, यहां उनका कोई भी ऑपरेशन सफल नहीं होगा। हमारे जैसे सर्जन ऑपरेशन थिएटर में यहां बैठे हैं। अगर कोई ऐसा करता है, तो उसका खुद का ऑपरेशन हो जाएगा।”
राउत ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा, यह सही है कि मध्य प्रदेश में राजनीतिक आपातकाल है लेकिन मुझे नहीं लगता इसके लिए भाजपा जिम्मेदार है। कांग्रेस पार्टी के भीतर असंतोष है। यह वरिष्ठ नेताओं की जिम्मेदारी थी कि वे इसे सुलझाते। यदि सिंधिया के साथ 22 विधायक गए हैं तो जाहिर है कि उनकी पकड़ है। इसलिए किसी चाणक्य को इस मुद्दे का श्रेय लेने की आवश्यकता नहीं है। कांग्रेस ने ही गलत ढंग से इसका निपटान किया।”
इससे एक दिन पहले ही राउत ने ट्विटर पर कहा था, “महाराष्ट्र की शक्ति अलग है। सौ दिन पहले एक ऑपरेशन को नाकाम कर दिया गया था। इसके बाद, महाराष्ट्र विकास अगाड़ी (एमवीए) ने महाराष्ट्र को बाईपास ऑपरेशन से बचाया। मध्य प्रदेश का वायरस महाराष्ट्र में नहीं घुसेगा। यहां कोई चिंता नहीं है।”