अफगानिस्तान में तालिबानी राज का असर भारत की घरेलू राजनीति पर भी देखने को मिल रहा है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के संभल से समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद डॉक्टर शफीकउर्रहमान बर्क के खिलाफ तालिबान के समर्थन में बयान देने का मामला दर्ज कराया गया है। इस बीच ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अफगानिस्तान मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में नौ में से एक बच्ची की मृत्यु 5 वर्ष की आयु से पहले हो जाती है। यहां महिलाओं पर अत्याचार और अपराध होते हैं। लेकिन, वे (केंद्र) चिंतित हैं कि अफगानिस्तान में महिलाओं के साथ क्या हो रहा है। क्या यह यहां नहीं हो रहा है?’
ओवैसी ने कहा, ‘अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे से पाकिस्तान को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि अलकायदा और दाएश अफगानिस्तान के कुछ इलाकों में पहुंच चुके हैं। आईएसआई भारत का दुश्मन है। आपको याद होगा कि आईएसआई का तालिबान पर नियंत्रण है। वह इसे कठपुतली की तरह इस्तेमाल करता है।’
इससे पहले सपा सांसद बर्क ने संभल में संवाददाताओं से बातचीत में सोमवार को कहा था कि तालिबान एक ताकत है और उसने अफगानिस्तान में अमेरिका के पांव जमने नहीं दिए। तालिबान अब अपने देश को खुद चलाना चाहते हैं। उन्होंने कहा था, ‘हमारा देश जब अंग्रेजों के कब्जे में था तो सभी हिंदुस्तानियों ने मिलकर आजादी की जंग लड़ी थी। अफगानिस्तान पर अमेरिका ने कब्जा कर रखा था। उससे पहले इस मुल्क पर रूस का कब्जा था। मगर अफगान आजाद रहना चाहते हैं। वह अपने देश को आजाद कराना चाहते हैं. यह उनका व्यक्तिगत मामला है, इसमें हम क्या दखल देंगे?’