सुप्रीम कोर्ट ने पाटीदार आंदोलन मामले में कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल की गिरफ्तारी पर एक सप्ताह के लिए रोक लगाते हुए अंतरिम जमानत दे दी है। साथ ही कोर्ट ने गुजरात पुलिस को पिछले पांच वर्षों में मामले की जांच पूरी न होने पर फटकार लगाई। वहीं, कोर्ट ने हार्दिक पटेल की याचिका पर गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 6 मार्च को होगी।
बता दें, 2015 को राज्य में पाटीदारों के लिए आरक्षण की मांग वाली एक रैली विसनगर में हुई थी, जो हिंसक हो गया था। भीड़ ने इलाके के भाजपा विधायक ऋषिकेश पटेल के कार्यालय में भी तोड़फोड़ की थी।
जांच की स्थिति पर कोर्ट को अवगत कराएं
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यू.यू. ललित ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को राज्य पुलिस का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा है कि मामले में दर्ज एफआईआर की क्या स्थिति है, जांच कहां तक पहुंची। इससे कोर्ट को अवगत कराया जाए। साथ ही कोर्ट ने कहा कि वो बताएं कि आंदोलन के दौरान हार्दिक पटेल और अन्य के खिलाफ दर्ज मामले में अब तक कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और कितने को जमानत मिली है।
क्या है मामला
दरअसल, 25 अगस्त 2015 को अहमदाबाद के जीएमडीसी मैदान में विशाल पाटीदार आरक्षण समर्थक रैली का आयोजन किया गया था। जिसमें भीड़ बेकाबू हो गई थी। राज्यव्यापी तोड़फोड़ और हिंसा को लेकर क्राइम ब्रांच ने अक्टूबर में मामला दर्ज किया था। इसमें कई सरकारी बसें, पुलिस चौकियां और अन्य सरकारी संपत्ति को आग के हवाले कर दिया गया था। इस हिंसा में एक पुलिसकर्मी समेत लगभग दर्जन भर लोग मारे गए थे। पुलिस फायरिंग की वजह से भी कई लोगों की जान चली गई थी। इस मामले में हार्दिक पटेल और उनके सहयोगियों पर मौजूदा सरकार को गिराने के लिए हिंसा फैलाने का षडयंत्र करने का आरोप लगाया गया।