भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने अप्रत्यक्ष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेटली और सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी पर निशाना साधा है। शत्रुघ्न ने बुधवार को कहा कि लोगों में जीएसटी एवं नोटबंदी को लेकर गुस्सा है और यह साफ है कि गुजरात चुनाव पार्टी के लिए महज ‘चुनाव’ नहीं बल्कि एक ‘चुनौती’ है।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की एक किताब पर आयोजित पैनल चर्चा में सिन्हा ने आर्थिक मुद्दों पर अपनी टिप्पणियों का भी बचाव किया। न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सिन्हा ने कहा कि अगर एक वकील वित्तीय मामलों की बात कर सकता है, टीवी अभिनेत्री मानव संसाधन विकास मंत्री बन सकती है और चायवाला प्रध्ाानमंत्री बन सकता है, तो मैं अर्थव्यवस्था की बात क्यों नहीं कर सकता? इस कार्यक्रम में सिन्हा ने मनीष तिवारी के साथ मंच भी साझा किया।
हालांकि, इस दौरान भाजपा नेता सिन्हा ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा साफ तौर पर वित्त मंत्री अरुण जेटली, पूर्व में एचआरडी मंत्री रहीं स्मृति ईरानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ था। उन्होंने यह भी कहा कि वे अपनी पार्टी को चुनौती नहीं दे रहे, बल्कि राष्ट्रीय हित में उसे आईना दिखा रहे हैं।
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि जीएसटी, नोटबंदी, बेरोजगारी को लेकर लोगों के गुस्से को देखते हुए मैं यह नहीं कहना चाहता कि भाजपा को कितनी सीटें मिलेंगी, लेकिन निश्चित तौर पर ये चुनाव एक विशेष चुनौती होने जा रहे हैं। हालांकि पटना साहिब के सांसद ने कहा कि भाजपा एकजुट रहकर अपनी सीटें बढ़ा सकती है और उसे चुनाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा, ‘मैं बस इतना कहूंगा कि मामला गंभीर है और ये चुनाव नहीं बल्कि चुनौती है।’
इस दौरान यह पूछे जाने पर कि क्या वह किसी दूसरे राजनीतिक दल में शामिल हो सकते हैं, सिन्हा ने अपने मशहूर फिल्मी डायलोग में जवाब दिया, ‘खामोश।’