केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार के सुर में सुर मिलाने वाले योग गुरु बाबा रामदेव के तेवर इन दिनों राम मंदिर निर्माण को लेकर कुछ तल्ख नजर आ रहे है। संसद में कानून बनाकर अयोध्या में राम मंदिर बनाने की बात दोहराते हुए कहा कि देश में मोदी और योगी की सरकार रहते हुए भी यदि राम मंदिर नहीं बनता तो भाजपा से लोगों का विश्वास उठ जाएगा। यह भाजपा और देश दोनों के ही हित में नहीं होगा।
'भगवान राम भारतीय जनमानस की आस्था के प्रतीक हैं’
योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि यदि बिना कोर्ट के आदेश के राम मंदिर आम जनता बनाती है तो उससे माहौल बिगड़ जाएगा इसलिए कानून लाकर राम मंदिर का निर्माण का रास्ता साफ करना चाहिए। उत्तरी हरिद्वार स्थित शदाणी दरबार के नवनिर्मित भवन के उद्घाटन समारोह में राम मंदिर पर अपनी बात रखते हुए राम देव ने कहा, 'भगवान राम भारतीय जनमानस की आस्था के प्रतीक हैं। उनके मंदिर निर्माण का मसला देश की अस्मिता से जुड़ा है। इसमें विलंब से हिंदुओं का धैर्य जवाब दे रहा है।'
उन्होंने कहा कि अगर कार सेवक मंदिर निर्माण का काम शुरू करते हैं तो वह न्यायालय की अवमानना होगी, अध्यादेश ही एकमात्र रास्ता है।
नहीं लिया कोई निर्णय तो साधु-संत कोई अंतिम निर्णय लेने के लिए मजबूर होंगे
संतों के इसी कार्यक्रम में सरकार को अल्टीमेटम भी दिया गया कि संतों की 6 दिसंबर के बाद यदि सुनवाई नहीं होती तो वह अयोध्या कूच करेंगे। अग्नि अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद महाराज ने दो टुक कहा कि 6 दिसंबर तक यदि भारत सरकार कोई निर्णय राम मंदिर निर्माण के लिए ले लेती है तो ठीक है नहीं तो देश का साधु संत कोई अंतिम निर्णय लेने के लिए मजबूर होंगे।
‘सरकार फैसला नहीं लेगी तो तमाम संत समाज कोई बड़ा निर्णय लेगा’
कैलाशानंद महाराज ने कहा कि सरकार फैसला नहीं लेगी तो तमाम संत समाज कोई बड़ा निर्णय लेगा। उन्होंने यही भी कहा कि 6 दिसंबर के बाद स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी भी राम मंदिर निर्माण को लेकर अनशन करने की बात केंद्र सरकार को बता चुके हैं।