बिहार में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से 120 से ज्यादा बच्चों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्रियों के खिलाफ जनहित याचिका (पीआईएल) दाखिल की गई है। इस पीआईएल में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे और राज्य सरकार में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को भी नामजद किया गया है। खबरों के अनुसार, सभी पर बच्चों की मौत के प्रति उदासीनता के आरोप लगाए गए हैं। इससे पहले हर्षवर्धन और मंगल पांडेय के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी।
मंगलवार को नीतीश पहुंचे मुजफ्फरपुर
मालूम हो कि बिहार के मुजफ्फरपुर और आसपास में पिछले दो-तीन हफ्तों से एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) बच्चों पर कहर बनकर टूट रहा है। पिछले 17 दिनों में 120 से ज्यादा बच्चों की मौत के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नींद टूटी और मंगलवार को वह मुजफ्फरपुर पहुंचे थे।
नीतीश कुमार को झेलना पड़ा आक्रोश
श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) का दौरा करने पहुंचे नीतीश कुमार को यहां भारी विरोध का सामना करना पड़ा। एसकेएमसीएच अस्पताल के बाहर आक्रोशित लोगों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किया। लोगों ने नीतीश गो बैक और मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। बाद में नीतीश कुमार ने बच्चों के परिजनों को राहत का आश्वासन दिया और डॉक्टरों से स्थिति की जानकारी ली।
मालूम हो कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन भी रविवार को मुजफ्फरपुर पहुंचे थे। पटना एयरपोर्ट पर उतरने के बाद सड़क मार्ग से मुजफ्फरपुर आने के दौरान जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उन्हें काले झंडे दिखाए थे और विरोध में नारेबाजी की थी। डॉ हर्षवर्धन के साथ अश्विनी चौबे और मंगल पांडेय भी पहुंचे थे।