प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ से एक दिन पहले इसे भारत के लोकतंत्र पर 'काला धब्बा' करार दिए जाने के बाद, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री के 'जरूरत से ज्यादा' पारंपरिक शब्दों को गलत बताया और कहा कि देश को उम्मीद है कि वह नीट और अन्य प्रवेश परीक्षाओं में पेपर लीक के मामले में युवाओं के प्रति कुछ सहानुभूति दिखाएंगे, लेकिन उन्होंने इसके लिए या किसी अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं ली।
कांग्रेस का नाम लिए बिना उस पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को कहा कि आपातकाल की वर्षगांठ 25 जून को है और इसे भारत के संसदीय इतिहास पर एक काला धब्बा बताया, जब संविधान को त्याग दिया गया और देश को जेल में बदल दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष को दिए संदेश में कहा कि लोग 'ड्रामा' नहीं चाहते, बल्कि एक जिम्मेदार विपक्ष चाहते हैं जो 'नारे नहीं, बल्कि सार्थक' काम कर सके।
पीएम मोदी को जवाब देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, "प्रधानमंत्री मोदी जी ने आज अपने पारंपरिक शब्दों का इस्तेमाल जरूरत से ज्यादा किया। इसे कहते हैं, रस्सी जल गई पर ताकत नहीं गई। देश को उम्मीद थी कि मोदी जी महत्वपूर्ण मुद्दों पर कुछ कहेंगे। वह NEET और अन्य प्रवेश परीक्षाओं में पेपर लीक को लेकर युवाओं के प्रति कुछ सहानुभूति दिखाएंगे, लेकिन उन्होंने अपनी सरकार की धांधली और भ्रष्टाचार के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं ली।"
खड़गे ने कहा, "मोदी जी पश्चिम बंगाल में हाल ही में हुए रेल हादसे पर भी चुप रहे। मणिपुर पिछले 13 महीनों से हिंसा की चपेट में है, लेकिन मोदी जी न तो वहां गए और न ही उन्होंने आज अपने भाषण में हाल ही में हुई हिंसा पर कोई चिंता व्यक्त की।" खड़गे ने कहा, "असम और पूर्वोत्तर में बाढ़ है, कमरतोड़ महंगाई है, रुपया गिर रहा है, एग्जिट पोल-शेयर बाजार घोटाला है...मोदी सरकार ने अगली जनगणना को लंबे समय तक लंबित रखा है; जाति जनगणना पर भी मोदी जी पूरी तरह चुप रहे।"
प्रधानमंत्री मोदी की "लोगों को नारे नहीं, बल्कि तथ्य चाहिए" टिप्पणी पर कटाक्ष करते हुए खड़गे ने प्रधानमंत्री से कहा कि उन्हें खुद भी यही बात याद रखनी चाहिए। उन्होंने कहा, "सर, आप विपक्ष को सलाह दे रहे हैं। आप हमें 50 साल पुरानी इमरजेंसी की याद दिला रहे हैं, लेकिन पिछले 10 साल के अघोषित आपातकाल को भूल गए हैं, जिसे लोगों ने खत्म किया था...लोगों ने मोदीजी के खिलाफ जनादेश दिया है। इसके बावजूद अगर वे प्रधानमंत्री बन गए हैं, तो उन्हें काम करना चाहिए।"
खड़गे ने आगे कहा, "लोगों को नारे नहीं, बल्कि तथ्य चाहिए" - इसे खुद याद रखें। खड़गे ने कहा, "विपक्ष और इंडिया ब्लॉक संसद में आम सहमति चाहते हैं। हम सदन में, सड़कों पर और सबके सामने लोगों की आवाज उठाते रहेंगे। हम संविधान की रक्षा करेंगे! लोकतंत्र अमर रहे!"