रणनीतिकार प्रशांत किशोर अपने 'जन सुराज' अभियान को एक राजनीतिक पार्टी के रूप में आकार देने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए वे विभिन्न सामाजिक समूहों के प्रतिनिधियों की समान संख्या को शामिल करके नए संगठन को किसी विशेष मतदाता समूह से जोड़ने वाली किसी भी धारणा को दूर करना चाहते हैं।
'जन सुराज' के प्रतिनिधियों ने कहा, 2 अक्टूबर को बिहार में गठित होने वाली नई पार्टी में 25 सदस्यीय केंद्रीय समिति होगी, जिसमें सामान्य वर्ग, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी), अनुसूचित जाति और अल्पसंख्यकों से पांच-पांच व्यक्ति होंगे। उन्होंने कहा कि 25 सदस्य एक वर्ष के कार्यकाल के लिए पार्टी के नेता का चुनाव करेंगे और सबसे वंचित समुदाय के प्रतिनिधि को पहला कार्यकाल मिलेगा, उसके बाद अन्य समुदायों का।
किशोर ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वे नेतृत्व समूह का हिस्सा नहीं होंगे और अपने गृह राज्य में पदयात्रा जारी रखेंगे। वह चाहते हैं कि 2025 के अंत में राज्य में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव से पहले नई पार्टी पूरी तरह से जमीन पर आ जाए। हाल ही में की गई घोषणा के अनुसार, अभियान का कोई भी संस्थापक सदस्य जिसके पास कम से कम 5,000 प्रस्ताव हैं, वह पार्टी की केंद्रीय समिति का सदस्य बनने के लिए चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा बन सकता है।