केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर राम मंदिर निर्माण के लिए लगातार दबाव बना रहे प्रवीण तोगड़िया पर पलटवार करते हुए भाजपा ने आज कहा कि अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के अध्यक्ष अब ‘अप्रासंगिक’ हो चुके हैं।
उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने आज कहा, तोगड़िया द्वारा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिये केन्द्र सरकार पर दबाव बनाने की नीति अपनाये जाने के सवाल पर कहा कि मंदिर को लेकर भाजपा का रुख साफ है। जहां तक तोगड़िया का सवाल है तो वह अब बिल्कुल ‘अप्रासंगिक’ हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा का रुख बिल्कुल स्पष्ट है। वह अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिये संकल्पबद्ध है। उसका सोचना है कि राम मंदिर या तो आपसी सहमति से बनना चाहिए या फिर अदालत के निर्णय से। जब भी ऐसी स्थिति आयेगी, भाजपा हमेशा तैयार रहेगी।
पाण्डेय का यह बयान ऐसे समय आया है जब तोगडि़या मंदिर मुद्दे को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ बेहद आक्रामक मुद्रा में हैं। उन्होंने पिछले दिनों लखनऊ में रैली करके मंदिर मुद्दे पर केन्द्र की भाजपा सरकार पर जमकर शब्दबाण छोड़े थे। उन्होंने कहा था कि अगर भाजपा ने संसद की शक्तियों का इस्तेमाल करके मंदिर निर्माण शुरू नहीं कराया तो आगामी लोकसभा चुनाव में उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
पाण्डेय ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में जल्द ही होने वाले विधानसभा चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा अपने दम पर सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की ताबड़तोड़ सभाओं के बाद राजस्थान में भी भाजपा की सम्भावनाएं बेहतर हुई हैं। इसके अलावा वहां की भाजपा सरकार के विकास कार्यों से भी भाजपा को ताकत मिल रही है।
पाण्डेय ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि यह पार्टी समाज से कट चुकी है। जमीनी स्तर पर उसका कोई संगठन नहीं रह गया है। उसके जमीनी कार्यकर्ता भी नहीं रहे। प्रदेश में भाजपा की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के बगावती तेवरों के बारे में पूछे जाने पर पाण्डेय ने कहा कि सूबे में भाजपा के दोनों सहयोगी सुभासपा और अपना दल उसके साथ ही हैं। उम्मीद है कि वे दोनों ही भाजपा के साथ रहेंगे। जहां तक राजभर के स्वभाव का सवाल है तो वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। हालांकि राजभर अपने बयान में यह जरूर कहते हैं कि भाजपा के साथ उनका गठबंधन जारी रहेगा। यह बात स्वागत योग्य है।