लोकसभा चुनाव का बिगुल जहां कहीं भी रखा होता है, वह बज चुका है। 11 अप्रैल से 19 मई के बीच सात चरणों में चुनाव होने हैं। 23 मई को मतगणना होगी। आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है यानी अब किसी तरह की नई योजनाओं की घोषणा नहीं हो सकती और ना ही उद्घाटन हो सकते हैं। इसीलिए पिछले एक महीने में प्रधानमंत्री मोदी ने ताबड़तोड़ उद्घाटनों को अंजाम दिया। अब उद्घाटन के लिए फीता नहीं काटा जाता। बटन दबाया जाता है। इस उम्मीद में कि चुनाव में भी हमारे पक्ष में बटन दबाया जाएगा।
पिछले 30 दिनों में पीएम मोदी ने देशभर में 28 यात्राएं कीं। अप्रत्याशित रूप से उन्होंने 157 प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, 8 फरवरी से 9 मार्च के बीच पीएम मोदी ने रेलवे लाइन, हाईवे मेडिकल कॉलेज, स्कूल, अस्पताल, गैस पाइपलाइन, एयरपोर्ट, सीवेज कनेक्शन, पॉवर प्लांट के अलावा और भी कई चीजों का उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट के मुताबिक, 8 जनवरी से 7 फरवरी के बीच पीएम मोदी ने 57 प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। यह आंकड़ा अगले एक महीने में बढ़कर लगभग तीन गुना हो गया।
यही नहीं, कई ऐसे प्रोजेक्ट हैं, जिन्हें नया बनाकर पेश किया गया जबकि वे पुराने प्रोजेक्ट हैं।
इसी महीने की शुरुआत में, प्रधानमंत्री ने अमेठी में इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड के जॉइंट वेंचर कलाश्निकोव असॉल्ट राइफल प्रोजेक्ट प्लांट का उद्घाटन किया। लेकिन एक सरकारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, इसका उद्घाटन 2007 में ही हो गया था। कार्बाइन और मशीन गन का निर्माण भी 2010 के आखिर में शुरू हो चुका था।
ऐसे ही बिहार के कर्मलीचक में प्रधानमंत्री ने 17 फरवरी को सीवेज नेटवर्क की आधारशिला रखी। हालांकि इसी प्रोजेक्ट के तहत कर्मलीचक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की नींव वह अक्टूबर, 2017 में रख चुके थे।
इनमें से करीब 140 प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जिनके लिए लगता नहीं कि प्रधानमंत्री स्तर के व्यक्ति को आने की जरूरत थी। जैसे- चेन्नई मेट्रो के एक सेक्शन का उद्घाटन, कर्नाटक में एक रेलवे लाइन का दोहरीकरण करना, तमिलनाडु में विक्रवंदी से थंजौर के बीच नेशनल हाईवे-45C को चार लेन में तब्दील करना वगैरह। उन्होंने पिछले महीने कम से कम 17 प्रोजेक्ट वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या रिमोट से लॉन्च किए। शनिवार को बिहार के बक्सर में पॉवर प्लांट का उद्घाटन उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया। कई प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जिनका उद्घाटन नगर निगम या नगर पालिका स्तर पर होता है।
यूपी में सबसे ज्यादा घोषणाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, सुरेश प्रभु ने 16 फरवरी और 9 मार्च के बीच कई सेक्टरों में कम से कम 80 प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन किया या इसकी घोषणा की। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा घोषणाएं की गईं। इसके बाद बिहार, महाराष्ट्र और तमिलनाडु हैं। इनमें सबसे प्रमुख हैं नमामि गंगे योजना के तहत बुनियादी ढांचे से जुड़ी परियोजनाएं।
इससे पहले की सरकारें भी चुनावों से पहले नई योजनाओं और परियोजनाओं के जरिए मतदाताओं को ‘लुभाने’ का प्रयास करती थीं। जैसे- 2014 के चुनावों के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ने भी खाद्य सुरक्षा विधेयक को आगे बढ़ाया था।
मोदी सरकार ने 1 फरवरी को अंतरिम बजट में दो प्रमुख योजनाओं की घोषणा की- प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना, असंगठित श्रमिकों के लिए एक पेंशन योजना और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, किसानों को न्यूनतम आय की गारंटी।
16 फरवरी को, महाराष्ट्र के धुले में, मोदी ने 21 गांवों की 7,585 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई करने के लिए एक परियोजना, 2400 करोड़ रुपये की जलगांव-उधना दोहरीकरण और विद्युतीकरण रेल परियोजना और नई खंडेश एक्सप्रेस ट्रेन का उद्घाटन किया, जो भुसावल और बांद्रा के बीच चलेगी।
2014 से तुलना करें तो आचार संहिता लागू होने से एक महीने पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक भी यात्रा नहीं की थी।