केंद्र के आम बजट से नाराज चल रहे तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और बीजेपी के बीच तनाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि केंद्र ने आंध्र प्रदेश के साथ अन्याय किया है।
एएनआई के मुताबिक, राज्य को विशेष दर्जा दिए जाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि केंद्र ने ऐसा नहीं किया इसलिए हमारे सांसदों को इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हमारे सांसद इस्तीफा दे देंगे तो राज्य के लिए कौन लड़ाई लड़ेगा। चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव अंतिम विकल्प होना चाहिए। हम केवल यह प्रस्ताव यूं ही नहीं लाएंगे। इसके लिए कम से कम 54 सांसदों की जरूरत होती है और हमारे पास यह संख्या नहीं है।
Some are asking for resignations. If our MPs resign, who will fight for our state. No confidence motion should be last resort. We will not simply put such motion. It needs at least 54 MPs. But we don't have that number: Chief Minister NC Naidu on special status to #AndhraPradesh pic.twitter.com/jU59Cm0RQ6
— ANI (@ANI) February 20, 2018
नायडू ने कहा कि केंद्र को हमारे राज्य के साथ न्याय करना चाहिए। मैं केवल न्याय की मांग कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि बीजेपी और वाईएसआरसीपी दोनों ही मेरी आलोचना कर रहे हैं। कांग्रेस भी टीडीपी पर आरोप लगा रही है, यह सही नहीं है। कांग्रेस ने राज्य के बंटवारे के समय अन्याय किया। अब बीजेपी वादों को ठीक से पूरा नहीं कर रही है।
Center should do justice to our state. I am only asking for justice. But both YSRCP, BJP are criticizing me. Congress is blaming me. It's not good. Cong did injustice at the time of bifurcation, now BJP isn't properly implementing the promises: Chief Minister N Chandrababu Naidu pic.twitter.com/9ERRQuj5UE
— ANI (@ANI) February 20, 2018
इससे पहेल नायडू ने शनिवार को कहा था कि हम बीजेपी के साथ इसलिए आए ताकि आंध्र प्रदेश के लोगों के साथ न्याय हो सके। मैं 29 बार दिल्ली गया और सबसे कई बार मुलाकात की। फिर भी न्याय नहीं किया गया।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले कांग्रेस पार्टी ने चंद्रबाबू नायडू से कहा था कि वह अगर अविश्वास प्रस्ताव लाती है तब कांग्रेस पार्टी उनका साथ देगी। एनडीए की सहयोगी पार्टी टीडीपी अभी शांत नहीं हुई है। हाल ही में आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर वहां के सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा किया था।