लोकसभा और विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद महाराष्ट्र में कांग्रेस अपने संगठन को दुरुस्त करने की कोशिश कर रही है। इसके लिए जमीनी स्तर पर ऐसे कार्यकर्ताओं और नेताओं को जोड़ने की कवायद चल रही है, जिनकी अपने क्षेत्र पर अच्छी पकड़ है। इसके लिए जिला और ब्लॉक कांग्रेस कमेटी में 50 फीसदी पद पार्टी में शामिल होने वाले नए नेताओं को देने पर विचार किया जा रहा है।
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, महाराष्ट्र कांग्रेस से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पार्टी के शीर्ष नेता जिला और ब्लॉक स्तर पर नए चेहरों के लिए पद आरक्षित रखने की योजना बना रहे हैं। ये पद ऐसे जमीनी कार्यकर्ताओं को दिए जाएंगे, जो फिलहाल पार्टी में शामिल नहीं हैं।
कांग्रेस पर व्यक्तित्व और परिवार केंद्रित होने का आरोप लगता रहता है। माना जा रहा है कि नए चेहरों को तवज्जो देने की योजना इस छवि को बदलने का प्रयास भी हो सकती है। 2014 में मिली हार ने कांग्रेस संगठन की कमजोरियों को उजगार किया था। तभी से संगठन को मजबूत करना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है।
महाराष्ट्र कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, स्थानीय स्तर पर नए चेहरों को 50 फीसदी पद देने की योजना पर आने वाले दिनों में पार्टी के वरिष्ठ नेता विचार करेंगे। जिसके बाद यह प्रस्ताव कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व को भेजा जा सकता है। आम तौर पर कांग्रेस में जिला और ब्लॉक स्तर पर पार्टी के बड़े नेताओं के समर्थकों का दबदबा रहता है। जनता के बीच पार्टी की पकड़ कमजोर पड़ने की यह भी एक बड़ी वजह मानी जाती है। इसलिए संगठन को मजबूत करने के लिए युवाओं, किसानों और सामाजिक मुद्दों पर सक्रिय कार्यकर्ताओं को पार्टी से जोड़ना जरूरी है।
नए चेहरों की ओर कांग्रेस का ध्यान जाने का एक कारण महाराष्ट्र के किसान और मराठा आंदोलन भी हैं। इन आंदोलनों के दौरान ऐसे कई नेता उभरे हैं, जो किसी राजनैतिक दल से नहीं जुड़े हैं, लेकिन उन्हें अच्छा खास जन समर्थन हासिल है। इन नेताओं को साथ अपने जोड़ने के लिए राजनैतिक दलों में होड़ मच सकती है।