बुधवार को संसद के दोनों सदनों में किसानों की खुदकुशी, उनकी समस्याओं और अन्य मुद्दों को लेकर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया। विपक्ष के हंगामे के बाद आज लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। बता दें कि मंगलवार को भी विपक्ष के हंगामे के चलते दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हुई थी।
विपक्ष ने सदन में किसानों की आत्महत्या का मुद्दा उठाया। कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि सरकार किसानों की आत्महत्या पर मौन है। वहीं, शरद यादव ने भी सरकार से इस मुद्दे पर बहस की मांग की।
इससे पहले कांग्रेस ने भी बुधवार को कहा कि वह लोकसभा में मॉब लिंचिंग और किसानों के पलायन के मुद्दे को उठाएगी। दरअसल, मंगलवार को सदन में यूपी के सहारनपुर में दलित विरोधी हिंसा को लेकर अपनी बात जल्द खत्म करने को कहे जाने से नाराज बसपा प्रमुख मायावती ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और सभापति हामिद अंसारी को अपना त्याग-पत्र सौंप दिया है।
इस्तीफा देने के बाद मायावती ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि वह शोषितों, मजदूरों, किसानों और खासकर दलितों के उत्पीड़न की बात सदन में रखना चाहती थी। उन्होंने कहा कि सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में जो दलित उत्पीड़न हुआ है, मैं उसका मुद्दा उठाना चाहती थी, लेकिन सत्ता पक्ष के सभी लोग एक साथ खड़े हो गए और मुझे बोलने का मौका ही नहीं दिया गया। साथ ही, माया ने यह भी कहा, मैं दलित समाज से आती हूं और जब मैं अपने समाज की बात नहीं रख सकती हूं, तो मेरे यहां होने का क्या लाभ है।