कथित फर्जी टूलकिट मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा को सुप्रीम कोर्ट से पड़ी राहत मिल गई है। बुधवार को कोर्ट ने रमन सिंह और संबित पात्रा के खिलाफ ट्वीट के संबंध में दर्ज प्राथमिकी पर रोक लगाने के छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है।
मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, "छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट को इस मामले का फैसला करने दें। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि मौजूदा मामलों को अलग-अलग व्यवहार नहीं किया जा सकता क्योंकि टूलकिट मुद्दे से संबंधित कई मामले विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित हैं। यहां अपनी ऊर्जा बर्बाद न करें। हम विशेष अनुमति याचिकाओं पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं। हम एसएलपी खारिज करते हैं।
बता दें कि 19 मई को भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ एनएसयूआई छत्तीसगढ़ इकाई के अध्यक्ष आकाश शर्मा की शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें आरोप लगाया था कि रमन सिंह, संबित पात्रा और कुछ अन्य नेताओं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मनगढ़ंत सामग्री प्रसारित की थी। आरोप के मुताबिक उन्होंने कांग्रेस का एक नकली लेटरहेड पार्टी की ओर से विकसित टूलकिट के रूप में पेश किया था। इस मामले में रायपुर पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री से पूछताछ भी की थी। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा को भी समन जारी किया था।